प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य प्रशांत तिवारी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय घेराव का कार्यक्रम प्रस्तावित था, लेकिन पुलिस बल के माध्यम से भाजपा कार्यालय तक पहुंचने से रोका गया। तिवारी ने पुलिस द्वारा हाउस अरेस्ट किए जाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
प्रशांत तिवारी ने कहा कि भाजपा सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई के माध्यम से कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड, मनी लॉन्ड्रिंग एवं यंग इंडिया प्रकरण में लगातार प्रताड़ित कर रही थी। उन्होंने कहा कि इन मामलों में लगाए गए आरोपों को न्यायालय ने खारिज कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा सरकार कांग्रेस नेताओं की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रही थी। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेतृत्व की छवि देश और प्रदेश में और अधिक साफ होकर सामने आई है, जबकि पहले भी उनकी छवि निष्कलंक थी।
तिवारी ने भाजपा सरकार को अन्याय और अत्याचार की सरकार बताते हुए कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा भारत में महात्मा गांधी के नाम और विचारधारा को मिटाने की साजिश रच रही है, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी और सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी।
प्रशांत तिवारी ने बताया कि जिलाध्यक्ष आशुतोष दीक्षित और शहर अध्यक्ष मोहम्मद राशिद खान को पुलिस ने हाउस अरेस्ट किया। वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष मलखान सिंह यादव, पूर्व शहर अध्यक्ष पल्लव दुबे, वाचस्पति द्विवेदी, प्रेरणा जुबैरी, विष्णुकांत मिश्रा, नरेंद्र यादव, अंबुज त्रिपाठी, सचिन शंखवार, अनूप परमार, अंसार अहमद और सरवर अली को कांग्रेस कार्यालय पर ही रोक लिया गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोतवाली ले गई।
घटना को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है और पार्टी नेताओं ने लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए विरोध जारी रखने की बात कही है।

