सोहम प्रकाश एक कर्मठ, सौम्य, सच्चे और निर्भीक पत्रकार हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1974 को उत्तर प्रदेश के लालपुरा इटावा में हुआ। सोहम के पिता का नाम स्व. श्री सुघर सिंह हैं। उनके पिता का निधन 12 दिसंबर 2020 को हुआ, जिसका सोहम प्रकाश पर गहरा असर पड़ा।
सोहम की माता का नाम श्रीमती पुष्पा देवी, पत्नी का नाम कुसुमा देवी है। उनके तीन बच्चे हैं श्रद्धा, श्रुति और सुभाष। सोहम ने प्राथमिक शिक्षा बाल विद्या निकेतन नखासा से प्राप्त की, उसके बाद माध्यमिक शिक्षा शिव नरायन इंटर कालेज से ग्रहण की। उन्होंने स्नातक की उपाधि कर्मक्षेत्र महाविद्यालय इटावा से प्राप्त की है।
जागरण के रविवारीय कालम ‘शहरनामा’ के रचियता हैं सोहम प्रकाश
कोरोना की दूसरी भयावह लहर 2021 में उन्होंने मानवीय संवेदनाओं पर आधारित लगातार दो माह तक संक्रमण के जोखिम के बीच रिपोर्टिंग का धर्म निभाते हुए 40 कड़ियां प्रस्तुत कीं। कोरोना काल में हृदयस्पर्शी इस सीरीज ने इटावा वासियों को द्रवित किए रखा। विद्यार्थी जीवन में पिता से मिली स्वावलंबन की शिक्षा ने सोहम को सदैव संघर्षरत रहने और निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
सोहम प्रकाश ने एक पत्रकार के रूप में खबरों और समाचारीय अभियानों से इटावा के लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनका लेखन कर्मठता, निष्ठापूर्वक, सटीकता के साथ और सामाजिक मुद्दों पर उनके संवेदनशील नजरिये के कारण प्रशंसा प्राप्त करता है।
सोहम प्रकाश को मीडिया में उनके सामर्थ्य के लिए जाना जाता है और वे अपने पाठकों के बीच उच्च सामाजिक जागरूकता पैदा करने का प्रयास करते हैं। उनका निर्भीक दृष्टिकोण उन्हें एक प्रमुख पत्रकार के रूप में पहचान दिलाता है, जो सच्चाई के लिए हमेशा आवाज़ बुलंद करता है और लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है।
सत्य और संवेदना की पत्रकारिता के प्रवाहक : सोहम प्रकाश
सोहम प्रकाश ने 1990 में लेखन के क्षेत्र में कदम रखा। उस समय उन्होंने कविता, कहानी, हास्य-व्यंग्य, लघु कथाएं, स्तंभ लेखन शुरू किया। समाचार पत्रों में संपादक के नाम पत्र लेखन का सिलसिला उनके जीवन में एक नया मोड़ लाया। वह संपादक के नाम पत्र लेकर अमर उजाला के उस समय के जिला प्रभारी जुनैद तैमूरी से मिले।
जुनैद तैमूरी को सोहम का लेख बहुत पसंद आया और उन्होंने सोहम को अमर उजाला में काम करने का प्रस्ताव दिया। सोहम ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 1 मार्च 1992 से अमर उजाला कानपुर संस्करण के प्रथम दिन से पत्रकारिता की शुरुआत की। उन्होंने वहां 2002 तक निरंतर काम किया और कुछ माह तक अमर उजाला के जिला प्रतिनिधि भी रहे।
2003 से सोहम प्रकाश ने राष्ट्रीय सहारा, सहारा समय और नवभारत में काम किया, जो 2006 तक चला। 2007 से लेकर अब तक सोहम प्रकाश देश के सबसे बड़े समाचार पत्र दैनिक जागरण में कार्यरत हैं। उनकी खबरें मानवीय संवेदनाओं को उकेरती हैं और तंत्र को झकझोरती हैं
कई राष्ट्रीय खबरों के लेखक हैं सोहम प्रकाश
खोजी और मौलिक पत्रकारिता के पक्षधर रहे सोहम प्रकाश ने 2010 में शिक्षक भर्ती घोटाला में 15 मुन्ना भाइयों के चयन को निरस्त कराया। इटावा की राजनीति पर पैनी नजर रखी और चुनावी समीक्षाएं जागरण में देश के सभी संस्करणों में प्रकाशित हुई। सोहम प्रकाश कहते हैं कि पत्रकारिता का मूल आधार संवेदना है।
उन्होंने जागरण के रविवारीय कालम ‘शहरनामा’ को अपनी लेखनी के बल पर जनपद का सबसे प्रसिद्ध स्तंभ बनाया। इस कालम में सोहम ने इटावा के स्थानीय मुद्दों एवं देशज शब्दों का व्यापक प्रयोग किया। आंचलिक भाषाई सौंदर्य से पगा यह कालम इटावा के लोगों में पठनीय और प्रतीक्षा वाला ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा। सोहम को इसकी बहुत सराहना मिली।
उदार मनोवृत्ति के धनी हैं सोहम प्रकाश
सोहम प्रकाश को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं। उन्हें मानवीय सेवाओं के लिए 2012 में शोभना सम्मान से सम्मानित किया गया। सोहम प्रकाश एक संवेदनशील और उदार मनोवृत्ति के धनी हैं। उनकी लेखनी साहसिक और जागरूक है, जिससे समाज में बदलाव की प्रेरणा मिलती है। उनके लेखों में समस्याओं का सच्चा परिचय और समाधान की दिशा मिलती है।
सोहम प्रकाश कर्म को ही धर्म मनाते हैं। उनके रचनाकर्म ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है और उन्हें विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच व्यापक प्रशंसा का पात्र बनाया है। उनकी पत्रकारिता में सत्यता, न्याय और मानवता के मूल्यों का पालन होता है और वे सत्य के प्रशंसक के रूप में जाने जाते हैं।
सोहम प्रकाश ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की आवाज को बुलंद किया है। उन्होंने जनसामान्य के मुद्दों पर खुलकर विचार किया हैं और समाज की गहराईयों में घुसकर सच्चाई की खोज की है। उनका लेखन समाज में जागरूकता और परिवर्तन लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। वे व्यापक रूप से अध्ययन करते हैं और नवीनतम विचारों को अपनाने का प्रयास करते हैं।
सोहम प्रकाश के लेखों में एक गहरा सामाजिक जुड़ाव होता है। वे आम आदमी की जीवनशैली, दुःख-दर्द, सामाजिक समस्याओं और राजनीतिक मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता को महसूस करते हैं। उन्होंने शोधपरक लेखों के माध्यम से मुद्दों को संजीदगी से उठाया ताकि संविधानिक माध्यम से समाधान ढूंढा जा सके।
न्याय के प्रति अटूट श्रद्धा रखते हैं सोहम प्रकाश
सोहम प्रकाश ने पत्रकारिता से बहुत सारे चर्चित मुद्दों को उजागर किया है। उनके विचारों और रचनाओं ने जनसामान्य के मुद्दों पर रोशनी डाली है। वे एक साहसिक पत्रकार हैं जो सत्य की परिभाषा को परिभाषित करते हैं और न्याय के प्रति अटूट समर्पण रखते हैं। उनका योगदान इटावा के लिए महत्वपूर्ण है।
सोहम प्रकाश के बारे में कहा जा सकता है कि वे एक प्रखर पत्रकार हैं, जिन्होंने अपनी प्रोफेशनल करियर में निरंतर मेहनत और संघर्ष किया है। उनकी पत्रकारिता की प्रशंसा और मान्यता आज भी बढ़ती जा रही है और वे इटावा के लोगों की आवाज बने हुए हैं।
साहसिक और सामाजिक दृष्टिकोण के कारण सोहम प्रकाश ने पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। उनके योगदान की इटावा लाइव टीम विशेष सराहना करती है।