सुबोध तिवारी का जन्म 1 मई, 1965 को उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर, इटावा में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. श्री रामानंद तिवारी और माँ स्व. श्रीमती सत्यवती तिवारी है। उनकी पत्नी का नाम किरन तिवारी है और उनके चार बच्चे हैं – नमन तिवारी, दीप्ति तिवारी, शिखा तिवारी, देव तिवारी।
उनके बाल्यकाल से ही उनमें राष्ट्रीय भावना और देशभक्ति की भावना प्रचुर रूप से विकसित हुई। सुबोध तिवारी की प्राथमिक शिक्षा जसवंतनगर नगर में हुई और उच्च शिक्षा कर्म क्षेत्र महाविद्यालय, इटावा से प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 1982 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से सक्रीय रूप से जुड़े और वर्ष 1988 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्राथमिकता सदस्यता ली।
इटावा के समर्पित राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ है सुबोध तिवारी
सुबोध तिवारी जनपद इटावा के एक समर्पित राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ हैं, जो समाज की सेवा करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर चुके हैं। उनकी सेवा भावना और दृढ़ संकल्प के कारण, उन्होंने अपनी राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पद और जिम्मेदारियाँ संभाली हैं।
वर्ष 1990 में उन्होंने जसवंतनगर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तहसीलदार सिंह के साथ सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें उनके ऊपर विपक्षी पार्टी द्वारा जानलेवा हमला किया गया और उनके घर क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद, वर्ष 1991 में उन्होंने पूर्व सांसद दयाराम के साथ जसवंतनगर चुनाव प्रभारी और नगर चुनाव प्रभारी के रूप में कार्य किया।
श्री राम मंदिर आंदोलन में निभाई सक्रिय भूमिका
उन्होंने वर्ष 1992 में श्री राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई, और तत्पश्चात् 1992 के विधानसभा चुनाव में राज्य सभा सांसद जसवंतनगर विधानसभा प्रत्याशी और भाजपा राष्ट्रीय महासचिव संघप्रिय गौतम के साथ चुनाव में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने नगर चुनाव प्रभारी के रूप में भी कार्य किया।
वर्ष 1997 में संगठनात्मक चुनाव में उन्होंने भाजपा जिला अध्यक्ष के पद के लिए प्रतिस्पर्धा की। उन्हें वर्ष 1998 में राज्यपाल द्वारा नगर पालिका परिषद जसवंतनगर में नामित सदस्य के रूप में नामित किया गया। उन्होंने वर्ष 2002 और 2006 में जिला कार्यसमिति के सदस्य के रूप में भी सेवा की है।
सैनिटाइजेशन कर कोविड-19 को बढ़ने से रोका
वर्ष 2020 में उन्होंने अपनी सामर्थ्य से कोविड-19 से प्रभावित लोगों को आहार सामग्री पहुंचाई। वर्ष 2021 में उन्होंने अपनी सामर्थ्य से इटावा, औरैया, मैनपुरी जिलों में भी सैनिटाइजेशन कार्य करवाया, वे विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सेमिनारों में सक्रिय भागीदारी लेते हैं और समय-समय पर पूरे प्रदेश में पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाते हैं।
सुबोध तिवारी ने अपने कार्यकाल में कई सामाजिक और राजनीतिक पदों पर सेवा की है। उनका योगदान प्रदेश के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण रहा है। वे भारतीय जनता पार्टी में अपनी भूमिका और सेवाभाव के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका योगदान और सेवा भावना सामाजिक सुधार और सामरिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं।
मानवाधिकारों के प्रबल समर्थक है सुबोध तिवारी
सुबोध तिवारी का लक्ष्य सामाजिक सुधार, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और युवा विकास को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने अपनी सेवाएं विभिन्न क्षेत्रों में दी हैं, जहां उन्होंने गरीबी हटाने, बेरोजगारी कम करने, और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कई पहल शुरू की हैं।
सुबोध तिवारी जनपद इटावा के एक अग्रणी राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक करियर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता और कार्यकुशलता से भा.ज.पा. में महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। सुबोध तिवारी ने अपने प्रजातंत्रिक मूल्यों के प्रति गहरा समर्पण दिखाया है और उनका मुख्य लक्ष्य हमारे इटावा और देश के विकास और समृद्धि की ओर ले जाना है। उन्होंने अपने प्रतिष्ठित पदों पर बहुत से सुशासन एवं विकास कार्यों का निर्वाह किया है।
जनता की आवाज बनकर उभारें है सुबोध तिवारी
सुबोध तिवारी जनता के मुद्दों पर गहरा ध्यान देते हैं और उनके लिए समाज कल्याण, विकास, और सुरक्षा प्रमुखता का मामला है। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में विशेष महत्व दिया है और गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने स्वच्छता अभियानों का समर्थन किया है और पर्यावरण संरक्षण के लिए कठोर कदम उठाए हैं।
सुबोध तिवारी को विचारशील और समाजसेवी नेता के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने न्याय की वकालत की है और न्यायिक प्रणाली को मजबूती से संघटित करने के लिए प्रयासरत रहे हैं। उन्होंने लोगों के मुद्दों को संघर्ष और समाधान की दिशा में ले जाने के लिए अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है।
सुबोध तिवारी की प्रशंसा और सम्मान सामान्य जनता, साथी नेताओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा मिला है। उनकी नेतृत्व क्षमता, कार्यकुशलता और समर्पण की वजह से वे लोगों के बीच बहुत प्रिय हैं।