लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल, एक प्रख्यात एडवोकेट एवं राजनीतिज्ञ हैं, जो अपने कार्यों और सामाजिक योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। इटावा भारतीय जनता पार्टी इटावा के लिए उनका योगदान अविश्वसनीय है, इनका जन्म 25 मई 1933 को उत्तर प्रदेश के इटावा शहर में हुआ। इनके पिता का नाम श्री हीरालाल अग्रवाल है और माँ श्रीमती शरबती देवी हैं। इनकी पत्नी का नाम श्रीमती शीला देवी है और इनके दो पुत्र विवेक स्वरूप अग्रवाल एडवोकेट और विक्रम स्वरूप अग्रवाल हैं।
लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल ने अपनी प्राथमिक शिक्षा इटावा के प्राइमरी स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी (वकालत) की पढ़ाई की है। इसके बाद, उन्होंने रायजादा वकील साहब के साथ रहकर के पेशे में महारत हासिल की।
लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल की राजनैतिक सफर भी उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। वे पहले जनसंघ के नगर अध्यक्ष रहे हैं और उसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक बने रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में जिला अध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया है।
लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल का राजनैतिक सफर भी बहुत प्रेरणादायक है। वे 1978 में जनसंघ के नगर अध्यक्ष के पद पर रहे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक भी रहे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जिला अध्यक्ष के पद पर तीन वर्षों तक कार्य किया। जब वे जिलाध्यक्ष थे, तब बीजेपी ने पहली बार इटावा लोकसभा सीट जीती, उस समय इटावा लोकसभा में 7 विधानसभा क्षेत्र लगते थे जिसमे से 6 विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थि। उनके कार्यकाल में ही पहली बार इटावा में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई थी।
राम मंदिर आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने घर से ही राम मंदिर के समय सारी रणनीतियां तय की थीं। इस आंदोलन के दौरान रात को 2:00 बजे अशोक सिंघल उनके घर पर गुप्त रूप से आए थे।
लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल का योगदान समाज के विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा सकता है। उन्होंने अपने वकालती करियर के साथ-साथ न्यायिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने गरीबों और वंचितों के लिए मुक्त न्याय की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने अपने विचारों और कर्मों से समाज में न्याय और समानता के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया है। लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल को उनकी सफलताओं के लिए कई सम्मान और पुरस्कार से नवाजा गया है।