ताखा। क्षेत्र के रामपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन राजा हरिश्चंद्र की कथा प्रस्तुत की गई, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को गहरे प्रभाव में डाला। कथावाचक गौरव शास्त्री ने राजा हरिश्चंद्र की सत्यनिष्ठा, धर्मपरायणता और त्याग की महिमा का विस्तार से वर्णन किया।
गौरव शास्त्री ने बताया कि राजा हरिश्चंद्र ने सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हुए अपने राज्य, धन, और यहां तक कि परिवार भी त्याग दिया, लेकिन सत्य से कभी विचलित नहीं हुए। उनके जीवन के इस प्रेरणादायक प्रसंग को श्रद्धालुओं के सामने रखा गया, जो उन्हें सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
इस दौरान रामपुर गांव के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें निर्मला देवी, अजब सिंह, सुनील कुमार, जसवंत सिंह, धर्मवीर, बलवीर सिंह, जंगवहादुर और श्रीराम चोरेलाल सहित कई श्रद्धालु शामिल थे। कथा के इस तीसरे दिन के कार्यक्रम ने सभी को सत्य, धर्म और त्याग के महत्व को समझने का एक सशक्त संदेश दिया।