बीरेश मिश्रा का जन्म जुलाई 1972 में मूंज गांव, इटावा में हुआ, जो इटावा से फर्रुखाबाद जाने वाली सड़क पर उत्तर पूर्व की ओर स्थित है। उनके गांव में दो खेरे हैं और यह इटावा से केवल 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
उनके पिता, श्री राधा कृष्ण मिश्रा, समाजसेवी और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, जिनका निधन हो चुका है। उनके पिता का सामाजिक सेवा में योगदान और उनकी प्रतिष्ठा बीरेश मिश्रा को उनके परिवारीय मान्यताओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। बीरेश मिश्रा की माता का नाम स्व.श्रीमती राज किशोरी हैं
बीरेश ने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत इटावा मेल दैनिक से की, जहां वे लम्बे समय तक सीनियर रिपोर्टर के रूप में काम करते रहे। उन्होंने लगभग दस साल तक दैनिक जागरण इटावा में अपनी सेवाएं दीं। 2003 से लगभग एक दशक तक, उन्होंने अमर उजाला इटावा के ब्यूरो चीफ के पद पर काम किया और यहां वे इटावा में जनता से जुड़ी खबरों की रिपोर्टिंग करते रहे। अपनी लेखनी के बल पर, बीरेश मिश्रा ने भ्रष्टाचार पर गहरी चोट की, उन्होंने बसपा सरकार में सीएमओ कार्यालय में अवैध रूप से की गई छह नियुक्तियों का खुलासा किया। इसके बाद सरकार को मजबूरन उन नियुक्तियों को निरस्त करना पड़ा।
बाद में उन्हें इटावा से औरैया जनपद में स्थानांतरण किया गया और यहां भी अमर उजाला के ब्यूरो चीफ के पद पर काम किया। औरैया में रहते हुए, उन्होंने अजीतमल तहसील के मुद्दे को उठाया। जब सपा सरकार में ताखा को तहसील का दर्जा मिला तो खबर लिखी ताखा को तहसील का दर्जा और अजीतमल को ठेंगा। बीरेश मिश्रा के प्रयासों का असर दिखाई देने लगा और बाद में सपा सरकार ने अजीतमल को भी तहसील का दर्जा दिया।
बीरेश मिश्रा ने अपनी आरंभिक शिक्षा अपने गांव में पूरी की और फिर जीआईसी इटावा से इंटर करने के बाद उन्होंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। वर्तमान में वे प्रतिष्ठित अमृत विचार समाचार पत्र में, जनपद इटावा के ब्यूरो चीफ के पद पर सेवायें दे रहे हैं।
बीरेश मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार के रूप में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं और उनकी कठोरता और सत्यनिष्ठा के लिए प्रशंसा प्राप्त हुई है। बीरेश मिश्रा एक अनुभवी पत्रकार हैं जो अपने लेखनी और पत्रकारिता के माध्यम से समाज की सेवा करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने अपनी पत्रकारिता के दौरान न्यायिक और राजनीतिक मामलों पर गहरा प्रभाव डाला है। उनकी निष्ठा और प्रोत्साहन के कारण, वे अपने पाठकों और समाज के लोगों के बीच सम्मान के पात्र है ।
बीरेश मिश्रा के व्यक्तित्व में संवेदनशीलता, सचेतता और न्यायप्रियता की गहरी प्रवृत्ति है। उनकी लेखनी में सरलता और सुव्यवस्थितता का प्रभाव होता है, जिससे पाठकों को स्पष्टता से समझने में सहायता मिलती है। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से अनेक विषयों पर जनता की ध्यान आकर्षित की है और सामाजिक मुद्दों को उजागर करने में योगदान दिया है। वे सत्य की पकड़ को बनाए रखने के लिए अपने काम में प्रतिष्ठित हैं और न्याय की प्राथमिकता को महसूस करते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार बीरेश मिश्रा ने बहुत सारे बड़े-बड़े संघर्षों का सामना किया है और उन्होंने उन्हें सफलतापूर्वक जीता है। उनकी कठोरता और संघर्षशीलता के पीछे उनका अद्वितीय धैर्य है जो उन्हें हर चुनौती के साथ सामर्थ्यपूर्ण बनाता है।
वरिष्ठ पत्रकार बीरेश मिश्रा आज भी अपने लेखनी के माध्यम से न्याय की आवाज़ बने हुए हैं। उनका योगदान पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है और वे समाज को सकारात्मक दिशा में अग्रसर रखने के लिए अविर्भावी उदाहरण हैं। उनके निरंतर प्रयासों से वे पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुके हैं
बीरेश मिश्रा के परिवार का सामाजिक संस्कार और सेवाभाव ने उन्हें एक समर्पित पत्रकार बनाया है, जो अपने लेखनी के माध्यम से समाज की सेवा करता है और सामाजिक मुद्दों को सुलझाने का कार्य करता है। उनके परिवार के मूल्यों और संस्कृति का प्रभाव उनके पत्रकारिता के क्षेत्र में दिखता है और वह अपने काम में न्याय के मानकों को उच्चतम प्राथमिकता देते हैं।
इटावा लाइव की पूरी टीम बीरेश मिश्रा के उज्जवल भविष्य की कामना करती है और उम्मीद करती है की वे अपने लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से समाज को जागरूक करने का कार्य निरंतर करते रहे।