इटावा। इटावा महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मेलन का आयोजन अत्यंत गरिमामयी एवं भावनात्मक वातावरण में किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन एवं वंदे मातरम के सामूहिक गायन के साथ हुआ। इस अवसर पर देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई।

सम्मेलन की संयोजक प्रतिमा शंकर दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सम्मेलन जनपद के उन सभी वीर सेनानियों एवं उनके परिवारों को समर्पित है, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अमूल्य योगदान दिया और अंग्रेजी हुकूमत की भीषण यातनाएं सहीं। उन्होंने बताया कि लगभग 500 सेनानी परिवारों को आमंत्रण भेजा गया था, जिनमें से एक सैकड़ा से अधिक परिवारों के आश्रितों को मंच से सम्मानित किया गया। उन्होंने सरकार से मांग की कि आर्थिक रूप से कमजोर सेनानी आश्रितों को रोजगार सहित सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएं। इस अवसर पर सह संयोजक तहसीलदार राजकुमार यादव भी मौजूद रहे।

मुख्य अतिथि सदर विधायिका सरिता भदौरिया ने अपने संबोधन में कहा कि आज का सशक्त और अखंड भारत स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्य साहस और बलिदान का परिणाम है। उन्हीं के हौसलों से अंग्रेज भारत छोड़ने को विवश हुए। उन्होंने कहा कि सेनानी आश्रितों का सम्मान, वास्तव में देश का सम्मान है। इस अवसर पर उन्होंने वीरांगना प्रेम शीला पांडेय एवं बसंती त्रिपाठी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल मोहन शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को देशभक्ति और बलिदान की प्रेरणा देते हैं और इतिहास से जोड़ने का कार्य करते हैं।

कार्यक्रम में मंच से मुख्य अतिथि द्वारा सभी सेनानी परिवारों के आश्रितों को शॉल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथियों में अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुन्ना लाल कश्यप, राज्य कर्मचारी परिषद के प्रदेश अध्यक्ष इं. हरि किशोर तिवारी, आयकर अधिकारी अजय कुमार दुबे, स्टेट बैंक के अधिकारी रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव, नवनीत सिंह राठौर, पूर्व क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. रिपुदमन सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन के जिलाध्यक्ष पूर्व चिकित्साधिकारी (आयुष) डॉ. मुनींद्र नाथ दत्त सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इसके अतिरिक्त श्रीमती करुणा रानी गुप्ता, श्रीमती गीता दीक्षित, अशोक सोनी निडर, प्रेम बाबू गुप्ता, छाया भदौरिया, राम लखन यादव, मो. सलीम, विजय शंकर दीक्षित, सुभादी शंकर पांडेय, राजेश कुमार दुबे सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी एवं नागरिक मौजूद रहे। राष्ट्रीय कवि रोहित चौधरी, व्यापार मंडल नेता आलोक दीक्षित, भजन गायक प्रखर गौड़ एवं समाजसेवी डॉ. आशीष त्रिपाठी की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। सम्मेलन का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मंच का सफल एवं प्रभावशाली संचालन राष्ट्रीय कवि एवं सुप्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉ. कुश चतुर्वेदी ने किया।


