मास्टर चंदगीराम स्पोर्ट्स स्टेडियम में रविवार को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) सैफई केंद्र की इंचार्ज और वरिष्ठ हैंडबॉल प्रशिक्षक कांता पाराशर को 32 वर्षों की लंबी और उत्कृष्ट सेवाओं के उपरांत भावनात्मक विदाई दी गई। कार्यक्रम में खिलाड़ियों, कोचों और सामाजिक प्रतिनिधियों की भारी मौजूदगी ने माहौल को अत्यंत संवेदनशील बना दिया।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से आए खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने समारोह में शामिल होकर उनके योगदान को याद किया और सम्मान प्रकट किया। सैफई प्रशिक्षण केंद्र के सैकड़ों खिलाड़ियों की उपस्थिति इस बात का संकेत थी कि कांता पाराशर ने तकनीकी प्रशिक्षण के साथ-साथ अनुशासन, समर्पण और संघर्ष के मूल मंत्र भी खिलाड़ियों को सिखाए।
राष्ट्रीय खेल अधिकारियों की उपस्थिति कार्यक्रम में भारतीय खेल प्राधिकरण लखनऊ से -हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर निवेदिता चोपड़ा, अभिरामी (डाइटिशियन), एथलेटिक्स कोच धर्मेंद्र, अब्दुल (वाई-पी रीजनल सेंटर लखनऊ), उनकी बैचमेट प्रमिला (हॉकी कोच एवं केंद्र इंचार्ज हिसार), अमिता (रिटायर्ड हॉकी कोच) और नीलम (बास्केटबॉल कोच) उपस्थित रहीं।
इसके अतिरिक्त उनके परिजन—भागवत पाराशर, मोहित हांडा, रितेश, चित्रा और अदिति—भी इस विशेष अवसर के साक्षी बने। स्थानीय खेल प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने उपहार प्रदान कर उनका सम्मान किया।
विदाई के क्षणों में भावुक हुईं प्रशिक्षक समारोह को संबोधित करते हुए कांता पाराशर भावुक हो उठीं। उन्होंने कहा— “सैफई में आने के समय मन बहुत कमजोर था, लेकिन यहां के दो वर्ष मेरे 32 साल के पूरे करियर में सबसे बेहतर रहे। यहां मिला सम्मान, सहयोग और कार्य का माहौल जीवनभर याद रहेगा।”
उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के साथ उनका रिश्ता सिर्फ प्रशिक्षक का नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और अभिभावक जैसा रहा। चौंतीस वर्षों का शानदार करियर कांता पाराशर का करियर अनेक उपलब्धियों से भरा रहा—2003 में हिमाचल प्रदेश के उन्ना जिला स्पोर्ट्स सेंटर में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित
2005 में बेस्ट कोच अवॉर्ड, 2016 से 2020 तक लगातार उत्कृष्ट प्रशिक्षक पुरस्कार, उनके मार्गदर्शन में एसटीसी सैफई की हैंडबॉल टीम ने पहली बार इंटर-साईं प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता
2003 (हांगकांग) और 2025 (उज्बेकिस्तान) में आयोजित जूनियर एशिया हैंडबॉल चैंपियनशिप में भारत की नेशनल टीम का प्रतिनिधित्व
संपूर्ण सैफई केंद्र ने दी शुभकामनाएँ कार्यक्रम के अंत में पूरे SAI सैफई केंद्र ने एकजुट होकर उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं और उनके अमूल्य योगदान को अविस्मरणीय बताया।

