इस्लामिया इंटर कॉलेज में उम्मीद पोर्टल पर आयोजित कार्यशाला में वक़्फ़ और उसकी महत्ता पर जोर दिया गया। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के कार्यपालक अधिकारी एस. एम. अफज़ाल काशिफ़ ने कहा कि वक़्फ़ इस्लामी परंपरा का अनोखा संस्थान है, जिसमें मुसलमान अपनी संपत्ति, ज़मीन या संसाधन स्थायी रूप से अल्लाह की राह में समर्पित करते हैं। इसका उद्देश्य मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों, यतीमख़ानों और समाज की भलाई में संपत्ति का सदैव उपयोग सुनिश्चित करना है।
उन्होंने 2025 के वक़्फ़ संशोधन अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि भले ही यह विवादों में है, लेकिन इसमें पंजीकरण और डिजिटलीकरण की व्यवस्था वक़्फ़ संपत्तियों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समुदाय के लिए चुनौती यह है कि अपनी संपत्तियों को समय पर उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत करें, ताकि आने वाली पीढ़ियां वक़्फ़ की वास्तविक नेमत से वंचित न रहें।
कार्यशाला के संयोजक और बोर्ड के कोऑर्डिनेटर मौलाना तारिक शम्सी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय संसद ने 1954 में वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए कानून बनाया। इसके बावजूद लाखों एकड़ वक़्फ़ ज़मीन सरकारी और गैर-सरकारी अतिक्रमण, भ्रष्टाचार और ग़लत प्रबंधन का शिकार हैं। उन्होंने बताया कि वक़्फ़ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और रियल-टाइम डाटाबेस तैयार करने के लिए उम्मीद केन्द्रीयकृत पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिसके तहत हर वक़्फ़ संपत्ति और मुतवल्ली को निर्धारित समय-सीमा में दर्ज करना होगा। इस समय सीमा की अंतिम तारीख 5 दिसंबर 2025 है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड लखनऊ के कार्यपालक अधिकारी और मास्टर ट्रेनर ऐजाज़ अहमद ने कहा कि प्रदेश में अभी तक पंजीकरण की गति धीमी है और मुतवल्ली तकनीकी कठिनाइयों एवं जागरूकता की कमी से जूझ रहे हैं। इसी कारण से इस प्रकार की कार्यशालाएँ जिला स्तर पर आयोजित की जा रही हैं।
डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर फुरकान अहमद ने बताया कि जिला स्तर पर मुतवल्ली और प्रबंध समितियों के सहयोग के लिए सहायता की व्यवस्था की गई है, ताकि पोर्टल पर पंजीकरण में कोई कठिनाई न हो। वरिष्ठ चिकित्सक और कोऑर्डिनेटर डॉ. अफज़ाल अहमद खान बरकाती ने कहा कि वक़्फ़ जायदादें बुजुर्गों की अमानत हैं, जिन्हें सरकारी और गैर-सरकारी अतिक्रमण से बचाकर पोर्टल पर सुरक्षित किया जा सकता है।
इस अवसर पर इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रबंधक हाजी मुहम्मद अल्ताफ़ ने भी अपने विचार साझा किए। अतिथियों का स्वागत वक्फ कोऑर्डिनेटर शाहनवाज़ आलम ने किया। कार्यशाला का आरंभ हाफ़िज़ हसन मुआविया द्वारा कुरान की तिलावत और हाफ़िज़ मुहम्मद यहया** द्वारा नात शरीफ से हुआ, जबकि संचालन मौलाना तारिक शम्सी ने किया। कार्यशाला में सहायक सर्वे वक्फ आयुक्त कार्यालय के प्रतिनिधि और वक्फ़ निरीक्षक राम सुमेर भी मौजूद रहे।