चकरनगर:- चकरनगर तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में नवरात्रि के समापन के बाद देवी के जबारों का विसर्जन धूमधाम और धार्मिक उत्साह के साथ किया गया।इस अवसर पर गौहानी, भोया, कोला, गढ़ेया, उखरेला, चकरनगर, सहसों, हनुमंतपुरा, कुँअरपुर और कुरछा जैसे गांवों में कन्याएं सिर पर जबारे रखकर चल रही थीं। महिलाओं ने देवी गीत, लंगुरिया और भजनों पर नृत्य किया, जबकि पुरुष भक्तों ने अचरी गीत गाकर भक्तिमय माहौल बनाया।
गौहानी गांव में युवाओं ने सामूहिक रूप से जबारे का आयोजन किया। सुबह हवन-पूजन के बाद एक विशाल जुलूस निकाला गया, जिसका समापन गांव के देवी स्थल पर जबारों के विसर्जन के साथ हुआ।
इसी प्रकार, भोया, उखरेला और कोला गांवों से निकले जबारे भक्तों की टोलियों के साथ चंबल की तलहटी तक पहुंचे। यहां प्राचीन भुअट वाली माता मंदिर पर पारंपरिक विधि से विसर्जन संपन्न हुआ। भक्तों का मानना है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक जबारे घरों में शक्ति और समृद्धि के प्रतीक के रूप में स्थापित रहते हैं। विसर्जन के साथ गांवों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है।
इस दौरान गांवों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और भक्ति के स्वर देर शाम तक गूंजते रहे। इस अवसर पर आशुतोष तिवारी, तेजेंद्र चौहान, अनिल सेंगर, देवीसरण राठौर, हरी विश्वकर्मा सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।