इटावा। महाकुंभ की तैयारी के लिए इटावा रीजन को पांच दिन पहले 20 नई बसों की सौगात दी गई थी, जिसमें इटावा डिपो को चार नई बसें आवंटित की गईं। लेकिन ये बसें कार्यशाला में शोपीस बनकर खड़ी हैं और किसी भी रूट पर नहीं चलाई जा रही हैं।
परिवहन निगम के कर्मचारियों का कहना है कि इन बसों को इस डर से नहीं चलाया जा रहा कि कहीं कोई तकनीकी कमी न आ जाए। हालांकि, इन बसों को चलाए जाने पर प्रतिदिन 80 हजार रुपये का राजस्व अर्जित हो सकता है।
इस मुद्दे पर क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) उमेश सीएस आर्य ने बताया कि बसों में फास्ट टैग न होने के कारण इन्हें अभी तक संचालन में नहीं लाया गया है। वहीं, विभागीय सूत्रों के अनुसार, अगर इन चारों बसों का पांच दिनों का राजस्व जोड़ा जाए, तो यह लगभग चार लाख रुपये हो सकता है।
बसों के खड़े रहने से न केवल राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के मद्देनजर नई बसों को जल्द से जल्द सड़कों पर उतारने की मांग उठ रही है।