इटावा। अटल पथ पर स्थापित पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक सामाजिक कार्यकर्ता ने 21 दिसंबर से आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की है। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह 21 दिसंबर को सुबह 10 बजे कचहरी स्थित अटल पथ पर अटल जी के चरणों में अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू करेंगे।

आमरण अनशन एक अत्यंत गंभीर और अंतिम लोकतांत्रिक माध्यम माना जाता है, जिसमें व्यक्ति अपनी मांगों को लेकर भोजन और जल का त्याग करते हुए तब तक अनशन पर बैठता है, जब तक उसकी मांगें पूरी न हो जाएँ या उसका जीवन ही ख़त्म न हो जाए। उन्होंने दो टूक कहा कि चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राण ही क्यों न देने पड़ें, लेकिन छाती पर हाथ रखी गई प्रतिमा का अनावरण स्वीकार नहीं किया जाएगा और उनका अनशन पूरी तरह अटल जी के सम्मान के लिए होगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही, असंवेदनशीलता और बेशर्मी के कारण अटल जी की प्रतिमा का सम्मानजनक ढंग से अनावरण नहीं हो पा रहा है। वक्ता ने कहा कि वह लंबे समय से प्रशासन को प्रार्थना पत्र देता आ रहा है, लेकिन प्रशासन आंख मूंदकर बैठा हुआ है। उनका आरोप है कि प्रशासन न केवल लापरवाही बरत रहा है, बल्कि अटल जी की प्रतिमा के विषय में शासन को भी सही जानकारी नहीं दे रहा है।

प्रेस वार्ता में बताया गया कि प्रारंभ में अटल जी की प्रतिमा हाथ जोड़कर स्थापित की गई थी, जिसका विरोध करने पर प्रतिमा तो हटा दी गई, लेकिन दोबारा उसी प्रतिमा में हाथ जोड़ने की मुद्रा को बदलकर हाथ छाती पर रख दिए गए। उन्होंने कहा कि अटल जी की गरिमा और ख्याति के अनुरूप प्रतिमा को “सावधान” की मुद्रा में स्थापित किया जाना चाहिए। इस संबंध में कई विभागों को नोटिस भी दिए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और प्रतिमा आज भी कपड़े में लिपटी हुई है।
उन्होंने यह भी बताया कि अटल जी की प्रसिद्ध कविता “हार नहीं मानूंगा” को दीवार पर गलत तरीके से लिखा गया था, जिसे विरोध के बाद सही कराया गया। इसके अलावा प्लेटफार्म की ऊंचाई कम होने पर उसे खड़े होकर ऊंचा कराया गया। उन्होंने मांग की कि प्लेटफार्म की चौड़ाई बढ़ाने के लिए दो घेरों से पहले एक नया घेरा बनाया जाए, साथ ही लाइटें, फव्वारे लगाए जाएं और प्रतिमा के ऊपर छत्र का निर्माण किया जाए, लेकिन प्रशासन इन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर को उन्होंने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर मांग की थी कि 20 दिसंबर तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएं, ताकि 25 दिसंबर को अटल जी के जन्मदिन पर प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया जा सके। चेतावनी दी गई थी कि यदि तय समय सीमा तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो 21 दिसंबर से आमरण अनशन किया जाएगा। वक्ता ने कहा कि प्रशासन की कार्यशैली से शासन की छवि धूमिल हो रही है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में न्याय की परंपरा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन सरकार को गुमराह कर रहा है।

