परंपराओं की घुमती चाक, खुशियों की चमक! दीपावली का पर्व नज़दीक आते ही शहर के एक विद्यालय में प्री-प्राइमरी विद्यार्थियों ने मिट्टी के दीये बनाना सीखते हुए भारतीय संस्कृति का जीवंत अनुभव किया।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने उत्साहपूर्वक कुम्हार के चाक पर मिट्टी को आकार देते हुए अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया। जब उनकी नन्हीं हथेलियों ने मिट्टी को दीये का रूप दिया, तो वातावरण बच्चों की खिलखिलाहट और उमंग से भर उठा।
यह गतिविधि मनोरंजन और संस्कृति का सुंदर संगम रही, जिसने बच्चों को भारत की पारंपरिक मिट्टी कला से जोड़ते हुए सृजन, परंपरा और एकता का संदेश दिया।
विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि ऐसे आयोजन न केवल बच्चों में रचनात्मकता और संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व का अनुभव भी कराते हैं।