भर्थना के विद्यार्थियों ने जुलूस निकाला। मवेशीखाने के मवेशियों को मुक्त्ा कर दिया और तहसील पर राष्ट्रीय झण्डा लगा दिया तथा रेल के तार काट दिये गये। उसी तारीख को लखना मिडिल स्कूल के विद्यार्थियों ने डाकखाना जला दिया। महेवा के विद्यार्थियों ने महेवा नहर की कोठी को कुछ हानि पहुंचाई। अछल्दा स्टेशन को जलाकर कुछ हानि पहुंचाई। औरैया में विद्यार्थियों और देहात की जनता ने तहसील पर झण्डा लगाने की कोशिश की जिस पर पुलिस ने गोली चलाई जिससे कल्यानचन्द्र, बाबूराम,मंगलीप्रसाद,भूरेलाल नाई औरैया,दर्शन लाल (पीपरपुर), सुल्तान खां (भीखमपुर)आदि 6 व्यक्ित मारे गये। वीरेन्द्र सिहं, छुन्नू लाल, विजय शंकर, कृष्णदत्त राय, रामाधीन सुनार, परशुराम पोरवाल, सियाराम सक्सेना, पुरखई, सोनेलाल आदि 9 व्यक्ित घायल हुये। ऊमरसेंड़ा में एक कांस्टेविल मारा गया। टकरूपुर में डाक लूटी गई, अहेरीपुर का लेटरवाक्स तोड़ा गया। इनके बदले में गवर्नमेन्ट ने लोगों पर मनमाने जुल्म किये। भरथना,साम्हों,अछल्दा व औरैया तथा अन्य गांवों पर सामूहिक जुर्माना किया गया। जिले भर में लगभग पांच सैकड़ा गिरफ्तारियों हुई जिनमें डेढ़ सैकड़ा कांग्रेस कार्यकर्ता तथा अन्य सभी शामिल थे। लगभग व्यक्ितयों को लम्बी सजाएं हुई।