थाना क्षेत्र के एक गांव में बाल विवाह की सूचना मिलने पर प्रशासनिक टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 16 वर्षीय बालिका को रेस्क्यू किया। टीम की तत्परता से अवैध बाल विवाह को रोका गया और बालिका को सुरक्षित वन स्टॉप सेंटर, इटावा भेजा गया।
बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता के नेतृत्व में एएचटीयू प्रभारी दिवाकर सरोज, सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य, थाना कोतवाली भरथना से एसआई राजेश कुमार व हमराही मौके पर पहुंचे। टीम ने बालिका के परिजनों से बातचीत कर आवश्यक जानकारी जुटाई और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बालिका को रेस्क्यू किया।
जांच के दौरान बालिका ने बताया कि उसने 2024 में हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण की थी और वह वर्तमान में कक्षा 11 में अध्ययनरत है। उसकी उम्र 16 वर्ष के करीब थी, जबकि विवाह 18 फरवरी (मंगलवार) को मैनपुरी जिले के एक युवक से होने वाला था। चूंकि यह बाल विवाह कानून के विरुद्ध था, इसलिए प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप किया।
रेस्क्यू के बाद बालिका को वन स्टॉप सेंटर, इटावा भेज दिया गया, जहां उसकी काउंसलिंग की जाएगी। अधिकारियों ने परिजनों को बाल विवाह की कानूनी बाधाओं और दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया और उन्हें 18 वर्ष की आयु से पहले विवाह न करने की सख्त हिदायत दी।
प्रशासन ने बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है और अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें और कानूनी उम्र से पहले विवाह कराने से बचें। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक टीम निगरानी और जनजागरूकता अभियान जारी रखेगी।

