महेवा के गुलाब पुर विजौली में मानव कल्याण सेवा समिति द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगरामाचार्य ने समाज में बढ़ते असामाजिक तत्वों और राष्ट्र की एकता को खतरे में डालने वाले मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य समाज में बढ़ते साम्प्रदायिक तनाव को समाप्त करना और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना था। जगरामाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि किसी राष्ट्र को कमजोर करने के लिए आतंकी हमलों या नकली करेंसी के प्रचलन से ज्यादा खतरनाक उस राष्ट्र के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भाई-भाई को लड़ा कर, एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ भड़काकर, साम्प्रदायिक दंगे पैदा करना एक तरह से गृह युद्ध जैसा है। यह सब कोई साधारण घटनाएं नहीं हैं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश के तहत हो रहा है। जगरामाचार्य ने यह भी आरोप लगाया कि देश के जिम्मेदार लोग महापुरुषों पर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं, जो देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि दूरदर्शन जैसे राष्ट्रीय चैनल छोटे-छोटे सीरियल्स के माध्यम से गलत संदेश दे रहा है, जिसे लेकर समाज को सोचने की जरूरत है।
आगे उन्होंने कहा, “यह भारत को पुनः गुलाम बनाने की साजिश है।” उन्होंने बुद्धिजीवियों से आग्रह किया कि वे निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के लिए काम करें। उन्होंने महापुरुषों के आदर्शों का पालन करने की अपील की और राष्ट्र को गुलाम बनने से बचाने के लिए सभी से सक्रिय रूप से आगे आने का आग्रह किया।
मानव कल्याण सेवा समिति के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अशोक यादव ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि मौलिक रूप से भारत को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है और इसकी जगह एक ऐसा भारत बनाने की कोशिश हो रही है, जिसमें विदेशी भोग विलास की सभ्यता का बोलबाला होगा, और धर्म, ईमान, सदाचार का कोई स्थान नहीं होगा।
समिति के उत्तर प्रदेश महासचिव शिव शंकर यादव, जगदीश सिंह, रणवीर सिंह, मिथलेश यादव, ववलू आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि इस समय हम सभी को एकजुट होकर समाज में व्याप्त नफरत और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।