इटावा राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में चंबल संग्रहालय द्वारा आयोजित चंबल मैराथन का पांचवां संस्करण 12 जनवरी को होने जा रहा है। इस मैराथन की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार यह मैराथन क्षेत्रीय धावकों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी धावकों को आकर्षित करने वाली है।
मैराथन की शुरुआत सुबह आठ बजे डॉल्फिन सफारी सहसों से होगी और इसका समापन पांच नदियों के संगम पंचनद पर होगा। चंबल मैराथन का मार्ग ऐतिहासिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होगा, जो धावकों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा। इस मार्ग में वल्लो गढ़िया, हरके पुरा, चंवल आश्रम हुकुमपुरा, जायधा, मई, और जगम्मनपुर जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं।
यह मैराथन केवल धावकों को चुनौती नहीं देगी, बल्कि चंबल क्षेत्र के प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व को भी उजागर करेगी। चंबल क्षेत्र के बीहड़ी गांवों, नदियों और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करते हुए यह आयोजन क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
चंबल संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राना ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य चंबल क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह आयोजन चंबल के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मैराथन में औरैया, इटावा, जालौन, भिंड मुरैना, ग्वालियर, धौलपुर, आगरा और अन्य क्षेत्रों के धावक भी शामिल होंगे।चंबल मैराथन के इस संस्करण को लेकर क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह है और यह आयोजन युवाओं को एकजुट करने का एक बेहतरीन अवसर साबित होगा।