Saturday, July 5, 2025

कुदरैल मे चल रही श्रीमद भागवत कथा का क्षेत्र बासियों ने लिया आनंद

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ऊसराहार – सती को माता सीता के रूप मे देखने के बाद भगवान शिव ने माता सती का पत्नी के रूप में परित्याग कर दिया माता सती को भी अपने पति की बात पर विश्वास न करने की गलती का एहसास हो गया था यह बात आचार्य दिव्य प्रकाश त्रिपाठी ने कथा मे माता सती के प्रसंग में कही उन्होंने कहा
होहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तरक बढाबहि साखा
ताखा क्षेत्र के कुदरैल मे चल रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन भागवत आचार्य दिव्य प्रकाश त्रिपाठी माता सती एंव भगवान शिव के बीच चले प्रसंग मे माता सती द्वारा भगवान शिव पर अविश्वास करने पर हुए परिणाम की कथा कहते हुए कहा जब माता ने शिव की बात पर विश्वास नही हुआ तो माता सती जी प्रभु श्रीराम की परीक्षा लेने पहुंचीं तो श्री राम ने माया रची जिसके अनुसार श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ जाते हुए दिखे, सती ने पीछे मुड़ कर देखा तो भी यही दृश्य दिखाई दिया, अब तो सती का कौतुहल और भी बढ़ गया और वह जिधर भी देखती, ये तीनों सुंदर वेश में नजर आते. वह तो आश्चर्यचकित रह गईं जब देखा कि भांति भांति के वेश धारण किए देवता श्रीराम चंद्र जी की वंदना और सेवा कर रहे हैं, दरअसल श्री राम चाहते थे कि सती जी उनका सच्चिदानंद रूप देख लें और उन्होंने वियोग तथा दुख की जो कल्पना की है, उसे हटा कर वे सामान्य हो जाएं. लेकिन हुआ इसका उलटा, इस दृश्य को देखकर सती जी बहुत डर गईं और उनका हृदय कांपने लगा, उनकी सुधबुध जाती रही और वे आंख बंद कर रास्ते में ही बैठ गईं. कुछ क्षण के बाद आंखें खोलीं तो दक्ष कुमारी सती जी को कुछ भी न दिखा, वे श्री राम के चरणों में सिर नवा कर चली गई जहां पर शिव जी पेड़ के नीचे उनकी प्रतीक्षा कर रहे थेत्रेतायुग में राम सीताहरण से व्याकुल हो जहां-तहां सीता की खोज कर रहे थे, शंकर भगवान तो राम को देख मगन हो सच्चिदानंद का मन ही मन जयकार करने लगे. लेकिन, सती को यह विश्वास हुआ ही नहीं कि यह राम परमात्मा हीं हैं. बार-बार शिव के समझाने के बाद भी सती जी का भ्रम नहीं मिटा तो शिव ने सती को परीक्षा लेने के लिए कह दिया और मन ही मन विचार किया कि होहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तरक बढाबहि साखा. सती परीक्षा लेने के क्रम में सीता का वेश बना कर राम के सामने चली गई.आयोजक राधा मोहन तिवारी राधाकांत तिवारी एंव लला तिवारी ने कथा प्रेमियो से कथा श्रवण करने की अपील की है
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