Saturday, December 20, 2025

लखना कालि‍का देवी मंदि‍र और कि‍ला

Share This

इटावा-औरैया राजमार्ग पर बकेवर से 3 कि‍मी. दक्षि‍ण दि‍शा में ऐति‍हासि‍क नगर लखना के समीपवर्ती  ग्राम  दलीपनगर  के जमीदार राव खुमान सि‍हं  के  पुत्र राव  जसवन्‍तसि‍हं  ने1857 ई0  के पूर्व लखना के संस्‍थापक के रूप में माने  जाते हैं जि‍न्‍होंने लखना  के कि‍ले  तथा ऐति‍हासि‍क आदि‍ शक्‍ि‍त मां कालि‍का देवी का वि‍शाल मंदि‍र बनवाया।

मजार है हि‍न्‍दु  मुस्लिम  एकता का प्रतीक

कालि‍का  देवी मंदि‍र का भव्‍य दरवाजा कोटेदार डि‍जाइन में बना है जि‍सकी दीवाले मोटी है और ककइयां ईंट की है।  देवी  जी की  प्रति‍मायें काले पत्‍थर वि‍भि‍न्‍न आकृति‍यों के रूप में 9 मूर्ति‍यॉ कच्‍चे चबूतरे  पर खुले आंगन में स्‍थापि‍त हैं। मूर्ति‍यों के बगल में ही सैयद बाबा  की मजार है जो हि‍न्‍दू-मुस्‍ि‍लम की एकता का प्रतीक है। यहां की एक और वि‍शेषता हैं कि‍ मंदि‍र  का पुजारी अनुसूचि‍त  जाति‍  का होता है। चैत्र और क्‍वार मास की नवमी  में अपार भीड़ दर्शनार्थि‍यों की होती है।

बनवाई गई मूर्ति नहीं की जी सकी स्‍थापि‍त

मंदि‍र में देवी की मूर्ति‍ बनवाई गयी थी उनकी  स्‍थापना आज तक नहीं  हो पायी हैं। वह  अलग गर्भगृह  में सुरक्षि‍त रखी है जि‍सका प्राय: श्रृद्धालु दर्शन नहीं कर पाते हैं।  इसकी स्‍थापना  अभी तक नहीं हो पायी है।

कालि‍का देवी मंदि‍र के ठीक पूरब दि‍शा में सामने  लगभग 3 एकड़  में पक्‍का तालाब  बना है। तालाब में नीचे तक जाने के लि‍ए पत्‍थर  की सीढ़ि‍यों  बनी है।  तालाब  में पुरूषों के लि‍ए  अलग तथा स्‍ि‍त्रयों के स्‍नान करने के लि‍ए अलग जनानखाना बना हुआ हैं। तालाब में पानी कभी नहीं  सूखता । दर्शनार्थी भी तालाब  में स्‍नान करके मां कालि‍का देवी का पूजन करते थे।  जनानखाने की  कलात्‍मक खि‍ड़कि‍यों  स्‍थापत्‍य कला की सुन्‍दरता समेटे  हैं। तालाब वर्तमान में गन्‍दा होता जा रहा हैं।

Share This
Ashish Bajpai
Ashish Bajpaihttps://etawahlive.com/
Content Writer, Call-7017070200, 9412182324, Email-cimtindia@gmail.com, बस एक क्लिक में जाने अपने इटावा को।
spot_img
अपनी खबर या कोई समस्या इटावा लाइव पर निशुल्क प्रकाशित करने हेतु हमें Whatsapp - 7017070200, Email – etawah.news@gmail.com पर जरुर भेंजें।

Read more

वोट करें

हमारा इटावा

1857 के मेरठ वि‍द्रोह की आग दो दि‍न बाद इटावा पहुंची

10मई 1857 ई0 को मेरठ छावनी  मे फूटी  वि‍द्रोह  की आग दो दि‍न बाद ही यानी 12 मई को इटावा तक आ पहुंची। उस...

शिक्षाविद

इटावा में शिक्षा को संस्कार और आधुनिक सोच के साथ आगे बढ़ा रहे शिखर चतुर्वेदी

इटावा की धरती ने सदैव ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व दिए हैं जिन्होंने शिक्षा, संस्कृति और समाज को नई दिशा दी। इन्हीं में एक नाम है...

राजनीतिज्ञ

एक जीत से बलराम सिंह को मि‍ली थी प्रसि‍द्ध

केन्‍द्र एंव उत्‍तर प्रदेश मे मंत्री रह चुके बलराम सिंह यादव  (कांग्रेस) के राजनीति‍क जीवन का स्‍वर्णिम अवसर था 1980 का जसवंतनगर वि‍धानसभा चुनाव,...

प्रशासनिक अधिकारी

नुमाइश से लेकर राहत कार्यों तक, इटावा के कर्मठ और जनप्रिय उपजिलाधिकारी : विक्रम सिंह राघव

विक्रम सिंह राघव उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा के उन युवा अधिकारियों में गिने जाते हैं जिन्होंने अपने ज्ञान, कार्यशैली और ईमानदारी से न केवल...

प्रमुख संस्थान

हर अवसर के लिए परफेक्ट साड़ी और सूट – सरदार जी साड़ी हाउस, इटावा

इटावा की प्रसिद्ध सुपर मार्केट, तिकोनिया में स्थित "सरदार जी साड़ी हाउस" एक ऐसा प्रतिष्ठान है जहाँ फैंसी साड़ियों और सलवार सूट की शानदार...

चिकित्सक

डॉ. मनीष कुमार: इटावा में वैदिक पद्दति से इलाज करने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक

आयुर्वेद, भारतीय लोगों के जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने के लिए सदियों से जानी जाती हैं। इसी को आधार बनाकर जनपद इटावा...

चर्चित व्यक्तिव

K. Asif: भारतीय सिनेमा के अद्वितीय निर्माता और दिग्गज निर्देशक

भारतीय सिनेमा में कई ऐसे दिग्गज निर्देशक हुए हैं, जो उन्हें एक अनुपम पहचान देने में सफल रहे हैं। K. Asif भी उन दिग्गजों...

पत्रकार

मरहूम पत्रकार मो. राशिद पत्रकारिता में निष्पक्षता और समर्पण की मिसाल

मोहम्मद राशिद, एक सम्मानित पत्रकार, जिन्होंने अपनी लेखनी से पत्रकारिता के क्षेत्र में एक नई दिशा दी, का 13 दिसंबर 2024 को निधन हो...

टॉप आर्टिकल्स

शरद तिवारी की अनमोल सेवा, लावारिस शवों को दिलाई गरिमामयी विदाई

शरद तिवारी: एक समर्पित समाजसेवी इटावा में शरद तिवारी का नाम समाज सेवा और मानवता के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है।...

व्यवसायी

सर्वेश यादव : एक समर्पित समाजसेवी और सुरक्षा एजेंसी के प्रबंधक

सर्वेश यादव, जनपद इटावा ही नहीं पूरे प्रदेश की सबसे भरोसेमंद सिक्योरिटी एजेंसी "एस.के. ग्रुप ऑफ सिक्योरिटी सर्विस" के प्रबंधक हैं। वे एक व्यवहार...

समाजसेवी

गौरैया की चहचहाहट में जीवन खोजती एक शिक्षिका : डॉ. सुनीता यादव

डॉ॰ सुनीता यादव का जन्म 21 जून 1976 को मैनपुरी जनपद के ग्राम अण्डनी, करहल में हुआ। पिता स्वर्गीय रामनारायण यादव, जो करहल के...

पूर्व अधिकारी