जुनैद तैमूरी: पत्रकारिता में निष्ठा, पेशेवरता और समर्पण के प्रतीक
समाचार जगत में उन्मुक्त भविष्य की तलाश करने वाले पत्रकारों में से एक नाम हैं जुनैद तैमूरी। उनके पिता, स्व. उवैस बेग, जनपदीय न्यायालय में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी थे, जिन्होंने अपने परिवार को मानवता के मूल्यों के संस्कार दिए। जुनैद तैमूरी का जन्म 22 नवम्बर 1962 को हुआ था। उनकी पत्नी का नाम सबा तैमूरी है और उन्होंने जनवरी 1994 में उनके साथ विवाह किया। जुनैद तैमूरी के तीन बच्चे हैं। उनके बेटे फैज तैमूरी विद्युत विभाग में अवर अभियंता हैं, पुत्र फैसल तैमूरी दुबई की एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं, और उनकी बेटी यशा तैमूरी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अपनी शोध पढ़ाई कर रही है।
जुनैद तैमूरी की पत्रकारिता की शुरुआत जनपद के पत्रकारिता के सिरमौर समझे जाने वाले साप्ताहिक प्रलय के तत्कालीन संपादक स्वर्गीय प्रताप सिंह चौहान के सानिध्य से हुई। स्वर्गीय प्रताप सिंह चौहान के साथ बिताए गए समय से जुनैद तैमूरी की लेखनी में जबरदस्त निखार आया और उन्हें पत्रकारिता के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। उनके पत्रकारिता में लगन और मेहनत के कारण उन्हें हिंदी पत्रकारिता के प्रख्यात समाचार पत्र “अमर उजाला” समूह में इटावा ने जिला ब्यूरो चीफ के पद पर नियुक्ति मिली।
जुनैद तैमूरी का पत्रकारिता में संघर्षपूर्ण सफर रहा है। उन्होंने अपने लेखों से विवादों का सामना किया है, लेकिन वे हमेशा अपने लेखनी के माध्यम से न्यायप्रिय सोच का प्रतिपादन करते रहे हैं। उन्हें वरिष्ठ पत्रकार के रूप में जाना जाता है जिन्होंने नए पत्रकारों को तैयार किया और उन्हें समाचारों के संसार का रास्ता दिखाया। उनकी बनाई अलग पहचान, उन्हें समाचार जगत में एक माननीय पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।
भारतीय समाज में अपनी खास पहचान बना लेने वाले महान व्यक्तियों में से एक नाम हैं स्व. मुलायम सिंह यादव, इनकी प्रगति में जुनैद तैमूरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्व. मुलायम सिंह यादव हमेशा जुनैद तैमूरी की मां से आशीर्वाद लेकर अपना नामांकन करने जाते रहे। जुनेद तैमूरी ने मुलायम सिंह यादव को उनकी राजनीतिक यात्रा के प्रत्येक कदम में समर्थन प्रदान किया।
जुनेद तैमूरी का पत्रकारिता में एक अद्भुत सफर रहा है। 80 से 90 के दशक में दस्यु दलों की जमकर रिपोर्टिंग करके उन्होंने देश और प्रदेश में विख्याति हासिल की। उनकी पत्रकारिता में निष्ठा, विश्वासनीयता और पेशेवरता का संगम है, जिससे उन्हें पत्रकारिता में विशेषज्ञता मिली। वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या कांड के बाद देशभर में भड़के सांप्रदायिक दंगे की कबरेज की जिम्मेदार रिपोर्टिंग भी उन्होंने की, जिसके कारण उन्हें सम्मान मिला।
जुनेद तैमूरी की समर्पित और पेशेवर पत्रकारिता का परिणामस्वरूप, उन्हें अनेक प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की खबरें लिखने का मौका मिला। मुलायम सिंह यादव, प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल, किसान नेता चौधरी अजीत सिंह, कांग्रेस शासन के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम सिंह यादव, पूर्व राज्यपाल खुरशीद आलम, पूर्व राजपाल उसमान आरिफ, बसपा संस्थापक कांशीराम, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद सहित देश व प्रदेश के तमाम नामचीन राजनीतिक व प्रशासनिक हस्तियों की खबरें उन्होंने लिखी। उनके द्वारा रिपोर्टेड खबरें भारतीय राजनीति के समर्थ राजनीतिज्ञों की जानकारी का संचार करती थी।
जुनेद तैमूरी ने प्रगतिशील, निष्ठावान और पेशेवर नजरिए के साथ पत्रकारिता को नए आयाम दिए और उनके समर्पण भरे योगदान ने पत्रकारिता का मान बढाया।