इटावा। बरसात के मौसम में हर वर्ष की तरह सब्जियों का राजा ककोरा की धूम मची हुई है।विशेषज्ञ भी इस सब्जी को सबसे ताकतवर मानते हैं, क्योंकि यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। खास बात यह है।इसे खेतों में नहीं उगाया जाता है।बल्कि इसका जन्म प्राकृतिक रूप से अपने आप हो जाता है।। ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात के मौसम में ककोरा उस स्थान पर पैदा होता है, जहां पर घने कटीले पेड़ पौधे होते हैं।यह बेल में लगने वाली सब्जी है।इसलिए इसकी बेल तैयार होती है, जो कटीली झाड़ियों पर चढ़ जाती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक ने बताया कि ककोरा की सब्जी में हर वो तत्व मौजूद होता है,जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक होता है।इसमें कई बीमारियों को ठीक करने की ताकत होती है। इसने सब्जी मंडी में विभिन्न सब्जियों के साथ-साथ ककोरा ने भी अपनी आमद दर्ज करा दी है। लेकिन इसके भाव आसमान छू रहे हैं।यह 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। शहर के लोग ककोरा की खरीदारी भी खूब कर रहे हैं,क्योंकि इसमें अद्भुत औषधीय गुण पाए जाते हैं।जिससे सूजन, बुखार, मूत्र विकार, श्वास संबंधी रोग का इलाज किया जाता है। यह जंगल में अधिकतर पहाड़ी, घनी कटीले पेड़ पौधों के बीच पैदा होता है।