इटावा की धरती ने हमेशा समाज, राजनीति और मीडिया जगत को अपनी गहरी समझ और जनसरोकार से जोड़ने वाले व्यक्तित्व दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है अमित मिश्रा, जो अपनी निर्भीक और जनोन्मुख पत्रकारिता के लिए देशभर में पहचाने जाते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में हमेशा सच्चाई की स्पष्ट झलक और जनहित की मजबूत भावना दिखाई देती है, जिसने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दी है।

अमित मिश्रा का जन्म 02 नवम्बर 1979 को हुआ। उनके पिता मन्नी लाल मिश्रा, जो प्रधान डाकघर इटावा में सेवानिवृत्त पोस्ट मास्टर रहे, और माता मधु रानी मिश्रा, एक गृहणी हैं। बचपन से ही उन्होंने ईमानदारी, सादगी और अनुशासन का वातावरण देखा। यही संस्कार उनके जीवन और कार्यशैली का आधार बने, जिसने उन्हें पेशेवर जीवन में सच्चाई से समझौता न करने का साहस दिया।

पारिवारिक जीवन में अमित मिश्रा का साथ उनकी पत्नी ऋतका मिश्रा देती हैं, जो उनके जीवन की प्रेरणास्रोत हैं। उनके बच्चे तनिष्क मिश्रा और अक्षिता मिश्रा उनके जीवन की ऊर्जा का स्रोत हैं। पारिवारिक संतुलन और पेशेवर प्रतिबद्धता के बीच उन्होंने हमेशा समरसता बनाई रखी, यही कारण है कि जीवन में हर चुनौती का सामना उन्होंने मुस्कुराकर किया।

अमित मिश्रा अबतक देश की कई नामी-गिरामी हस्तियों का इंटरव्यू ले चुके हैं, जिनमें राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जगत के प्रमुख चेहरे शामिल हैं। उन्होंने अपने पत्रकारिता कैरियर में सैकड़ों राष्ट्रीय स्तर की खबरें ब्रेक की हैं, जिनका सीधा प्रभाव नीति-निर्माण और प्रशासनिक कार्यशैली पर पड़ा। उनकी विशेष रिपोर्टें न सिर्फ सुर्खियाँ बनीं, बल्कि कई बार जनहित में ठोस कार्रवाई का कारण भी बनीं।

पत्रकारिता के क्षेत्र में अमित मिश्रा ने वर्ष 2000 में कदम रखा। उन्होंने एक दैनिक समाचार पत्र में जनपद प्रभारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने मेहनत, लगन और खबरों के प्रति जुनून के बल पर अपनी पहचान बनाई। उनके लेखन में गहराई और रिपोर्टिंग में सटीकता देखने को मिलती थी, जिससे वे जल्द ही चर्चित हो गए।

समाचारों के प्रति उनकी अनोखी दृष्टि और निष्पक्ष विश्लेषण की क्षमता ने उन्हें बड़े मीडिया नेटवर्क तक पहुंचाया। उन्होंने बीएजी प्रोडक्शन हाउस जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से अपने करियर का नया अध्याय शुरू किया। यहां उनके काम ने यह सिद्ध किया कि पत्रकारिता में विषय की समझ और सच्चाई के प्रति निष्ठा ही सबसे बड़ा पूंजी है, जो किसी भी व्यक्ति को पहचान दिला सकती है।

उनकी प्रतिभा और कार्यकुशलता को देखते हुए संस्थान ने उन्हें प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार्य करने का अवसर दिया। लखनऊ में उन्होंने न केवल राज्य की राजनीति को गहराई से समझा, बल्कि कई ऐसी खबरें सामने लाईं जो शासन-प्रशासन के लिए आईना साबित हुईं। राजधानी जैसे माहौल में भी उन्होंने निष्पक्षता और सत्य को प्राथमिकता दी।

वर्ष 2009 अमित मिश्रा के करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ, जब प्रसिद्ध मीडिया विश्लेषक और सी-वोटर के संस्थापक यशवंत राव देशमुख ने उन्हें यूएनआई टेलीविज़न में उत्तराखंड के स्टेट हेड की जिम्मेदारी सौंपी। इस जिम्मेदारी ने उनके करियर को नया विस्तार दिया और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्य में काम करते हुए अमित मिश्रा ने कई बड़े सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाक रिपोर्टिंग की। उन्होंने आपदा प्रबंधन, पलायन, पर्यावरण और स्थानीय जनता के संघर्षों पर सशक्त रिपोर्टें कीं। इस दौरान वे न केवल पत्रकार बल्कि जनता की आवाज़ बन गए, जिससे उन्हें लोगों का विश्वास और सम्मान दोनों मिला।

इटावा से गहरे लगाव के चलते अमित मिश्रा ने साल 2012 में पुनः अपने गृह जनपद लौटने का निर्णय लिया। यह निर्णय उन्होंने अपने मूल क्षेत्र में सार्थक पत्रकारिता को नई दिशा देने के उद्देश्य से लिया। लौटने के बाद उन्होंने देश के प्रतिष्ठित चैनल इंडिया न्यूज़ में जोनल हेड के रूप में कार्यभार संभाला और संगठनात्मक स्तर पर पत्रकारिता को मजबूती दी।

उनके नेतृत्व में बरेली, झांसी, लखनऊ, फतेहपुर, इटावा और कानपुर जैसे कई प्रमुख जिलों में संस्थान के अधिवेशन आयोजित हुए। इन कार्यक्रमों में देश के राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक क्षेत्र के प्रमुख चेहरे शामिल हुए। अमित मिश्रा के प्रयासों ने क्षेत्रीय पत्रकारिता को नई दिशा दी, जिससे छोटे शहरों के मुद्दों को भी राष्ट्रीय स्तर पर स्थान मिला।

अमित मिश्रा की खोजी पत्रकारिता ने हमेशा जनता के मुद्दों को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग में सत्ता से सवाल पूछे और जनता के हित में उत्तर खोजे। वर्ष 2023 में ENBA अवार्ड के दौरान उनके तत्कालीन संस्थान इंडिया न्यूज़ उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड को ‘बेस्ट रियलिटी चेक’ का सम्मान प्राप्त हुआ, जिसने उनके कार्य को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी।

यह पुरस्कार अमित मिश्रा की उस स्टोरी के लिए दिया गया, जिसमें उन्होंने सामाजिक वास्तविकताओं को निष्पक्ष और साहसिक ढंग से उजागर किया। इस रिपोर्ट ने सत्ता के दावों और जमीनी सच्चाई के बीच का फर्क दिखाया। यह सम्मान केवल उनके व्यक्तिगत योगदान की सराहना नहीं थी, बल्कि उन तमाम पत्रकारों के लिए प्रेरणा बना जो सत्य को प्राथमिकता देते हैं।

अपनी पत्रकारिता यात्रा को आगे बढ़ाते हुए अमित मिश्रा ने जनवरी 2023 में एबीपी न्यूज़ नेटवर्क के साथ जुड़कर इटावा संवाददाता के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली। इस भूमिका में उन्होंने अपने अनुभव और दृष्टि का उपयोग करते हुए स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय विमर्श से जोड़ा। वे आज भी निडर और निष्पक्ष रिपोर्टिंग का पर्याय बने हुए हैं।
अमित मिश्रा की पहचान सिर्फ एक रिपोर्टर के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे पत्रकार के रूप में है जो सच्चाई को जनहित में सामने लाने का साहस रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में तथ्यों की गहराई, सामाजिक समझ और नैतिक दृष्टिकोण स्पष्ट दिखाई देता है। वे मानते हैं कि पत्रकारिता का उद्देश्य केवल सूचना देना नहीं, बल्कि समाज में परिवर्तन लाना है।

आज अमित मिश्रा न केवल इटावा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और देश के मीडिया जगत में एक ईमानदार, निष्पक्ष और प्रखर पत्रकार के रूप में स्थापित हैं। वे अपनी खबरों के माध्यम से समाज की नब्ज़ को पहचानते हुए जनहित के लिए निरंतर कार्यरत हैं। उनकी प्रतिबद्धता, सच्चाई और समर्पण ने उन्हें पत्रकारिता की उस श्रेणी में पहुंचा दिया है, जो आदर्श और प्रेरणा दोनों है।


