धनतेरस के अवसर पर इटावा के प्रमुख बाजारों में आज जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। दीपावली की रौनक पूरे चरम पर थी। इसी दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी खरीददारी करने बाजार पहुंचे। उनके साथ लंबे समय बाद पहली बार पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कुलदीप उर्फ संटू गुप्ता भी सार्वजनिक रूप से नजर आए।
करीब एक महीने बाद किसी सार्वजनिक स्थल पर दिखे संटू गुप्ता का लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। राजीव यादव आत्महत्या मामले में आरोपी बनाए गए संटू गुप्ता को हाल ही में न्यायपालिका से अग्रिम जमानत मिली है, जिसके बाद उनके समर्थकों में राहत और आत्मविश्वास का माहौल है। समर्थकों का कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत द्वेष के तहत झूठा फंसाया गया था और अब न्याय की दिशा में साफ संकेत दिख रहे हैं।
इटावा निवासी रामू बाथम ने इटावा लाइव से बातचीत में कहा कि संटू गुप्ता हमेशा से जनता के नेता रहे हैं। उन्होंने गरीबों, दुकानदारों और कर्मचारियों के लिए जितना काम किया है, उतना शायद ही किसी ने किया हो। कोर्ट से राहत मिलना इस बात का सबूत है कि सच को रोका नहीं जा सकता।
धर्मवीर ने कहा कि संटू गुप्ता पर लगाए गए आरोप पूरी तरह राजनीतिक हैं। उन्होंने हमेशा जनता की समस्याओं को समझा और उनके समाधान के लिए काम किया। नगर पालिका के इतिहास में जितना विकास उनके समय में हुआ, उतना पहले कभी नहीं हुआ। जनता आज भी उन्हें सम्मान की नजर से देखती है।
दिनेश यादव का कहना था कि यह पूरा मामला राजनीतिक रंग में रंगा गया। जो लोग संटू गुप्ता को जानते हैं, वे जानते हैं कि वे ईमानदार और जनता के लिए समर्पित इंसान हैं। उन्हें फंसाने की कोशिश की गई, लेकिन अब सच सामने आने लगा है।
करन कठेरिया ने कहा कि संटू गुप्ता ने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की। उन्होंने सफाईकर्मियों से लेकर छोटे व्यापारियों तक, हर वर्ग के लिए काम किया। धनतेरस के दिन उन्हें प्रो. रामगोपाल यादव के साथ बाजार में देखना एक सकारात्मक संकेत है कि पार्टी नेतृत्व आज भी उनके साथ खड़ा है।
देशराज बाल्मीकि ने कहा कि जब संटू गुप्ता चेयरमैन थे, तब नगर पालिका की सफाई व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ था। उन्होंने कर्मचारियों के हित में कई फैसले लिए। हमें पूरा भरोसा है कि वे निर्दोष हैं और सच्चाई जल्द सामने आएगी।
विजय मिश्रा ने कहा कि संटू गुप्ता का योगदान पूरे शहर में दिखाई देता है। हर सड़क, हर मोहल्ले में उनका काम नजर आता है। राजनीति ने उन्हें निशाना बनाया, लेकिन जनता सब जानती है। न्यायपालिका से उन्हें मिली राहत इस बात का प्रमाण है कि ईमानदार व्यक्ति को देर-सबेर न्याय जरूर मिलता है।