नगर के समाजसेवी शिवकांत जैन के सुपुत्र एवं जैन समाज के युवा शोधकर्ता डॉ. अच्युत कांत जैन शास्त्री शुक्रवार को इंग्लैंड के लिए रवाना हुए। उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ बिर्मिंघम द्वारा जैन आध्यात्मिक परंपराओं पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया गया है। नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन रवाना हुए डॉ. जैन इस सम्मेलन में जैन दर्शन पर अपने शोध आलेख की प्रस्तुति देंगे, जो प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित भी होगा।
डॉ. जैन के बड़े भाई आराध्य जैन ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में भारत से आमंत्रित होने वाले वे एकमात्र शोधकर्ता हैं। वर्तमान में वे जैन यूनिवर्सिटी, बैंगलुरू में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और जैन दर्शन पर निरंतर शोध कर रहे हैं।
इससे पूर्व भी डॉ. जैन को लंदन, काठमांडू, वाराणसी, लखनऊ, हरिद्वार, दिल्ली सहित आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया जा चुका है। वे देश-विदेश में जैन दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए सक्रिय योगदान दे रहे हैं, जिससे समाज में गौरव और गर्व की अनुभूति हो रही है।