इटावा : जम्मू-कश्मीर में सैन्य ड्यूटी के दौरान शहीद हुए इटावा जनपद के वीर सपूत हवलदार सूरज सिंह यादव को शुक्रवार को उनके पैतृक गांव प्रेम का पुरा तहसील सैफई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। जैसे ही तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, हर आंख नम हो गई और पूरा गांव शोक में डूब गया
सूरज सिंह का अंतिम संस्कार सैन्य परंपराओं के अनुसार संपन्न हुआ, जहां उनके परिजनों ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर जिला प्रशासन, पुलिस, सेना के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद सूरज सिंह अमर रहें’ के नारों से गांव का वातावरण गूंज उठा।
जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान हुआ हादसा
यह दुखद हादसा 6 मई को जम्मू-कश्मीर में उस समय हुआ जब सेना का वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया। इस दुर्घटना में हवलदार सूरज सिंह यादव समेत पाँच सैनिक शहीद हो गए। सूरज सिंह यादव पिछले 18 वर्षों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे थे और अपनी कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और साहस के लिए पहचाने जाते थे।
गांव और जिले में शोक की लहर, पर गर्व भी
उनकी शहादत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम संस्कार में दूर-दूर से लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। लोगों की आंखों में आंसू थे, लेकिन साथ ही गर्व भी था कि उनके गांव का लाल देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ। अंतिम विदाई के समय वातावरण पूरी तरह देशभक्ति में डूबा हुआ था।
नेताओं और समाजसेवियों ने दी श्रद्धांजलि
शहीद सूरज सिंह के अंतिम दर्शन के लिए जिले भर से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, जनप्रतिनिधि और समाजसेवी भी पहुंचे। सभी ने एक स्वर में उनके बलिदान को नमन करते हुए परिवार को सांत्वना दी और सरकार से शहीद परिवार को उचित सहायता व सम्मान देने की मांग की।