सहसों गांव स्थित शिव मंदिर पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पिंकी शास्त्री ने श्रद्धालुओं को माता सती और भगवान शंकर के विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने श्रद्धालुओं को जीवन के महत्वपूर्ण संस्कारों और आदर्शों के बारे में भी बताया।
कथा के दौरान, पिंकी यादव ने माता सती की कथा सुनाते हुए कहा कि बिना बुलाए कहीं भी नहीं जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि माता सती ने बिना अपने पिता से बुलावे के, भगवान शंकर की आज्ञा के बिना अपने पिता के घर जाने का निर्णय लिया, जिसके कारण उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा। यह प्रसंग श्रद्धालुओं को यह शिक्षा देता है कि किसी भी कार्य को बिना उचित अनुमति के नहीं करना चाहिए।
इसके बाद कथा में भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह का प्रसंग सुनाया गया। व्यास ने भगवान शिव और पार्वती के विवाह की सुंदरता और उनके संबंधों के आदर्शों को साझा किया, जो सभी को एकता और प्रेम का संदेश देते हैं।
कार्यक्रम में परीक्षित सरदार यादव, उनकी पत्नी उर्मिला यादव, देवेंद्र यादव और अन्य ग्रामीण श्रद्धालु भी मौजूद रहे। कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने ध्यान से कथा सुनी और भगवान शिव और माता पार्वती के साथ अपने संबंधों को प्रगाढ़ करने का संकल्प लिया।