सैफई स्थित अनिल कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के अस्पताल प्रशासन ने एक सराहनीय पहल करते हुए लगभग एक साल से अस्पताल में भर्ती अज्ञात मरीज वीरेंद्र तिवारी (42 वर्ष) को उनके परिजनों से मिलवाने में सफलता हासिल की। वीरेंद्र तिवारी फतेहपुर जिले के जहानाबाद क्षेत्र के निवासी हैं, जिन्हें 29 दिसंबर 2023 को विश्वविद्यालय परिसर में लावारिस और बीमार हालत में पाया गया था।
विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि वीरेंद्र तिवारी को उस समय इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था। भर्ती के समय उनके पैर में चोट के साथ-साथ उनकी मानसिक स्थिति भी असंतुलित थी। उन्हें इमरजेंसी पुरुष सर्जरी वार्ड में डॉ. राम लखन वर्मा की देखरेख में रखा गया और निःशुल्क इलाज शुरू किया गया।
इलाज के दौरान मरीज की मानसिक और शारीरिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ। इस बीच, अस्पताल प्रशासन ने उनकी पहचान और परिजनों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास किए। मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर मनोज मौर्य ने उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विश्वदीपक के निर्देशन में इस कार्य को अंजाम दिया।
अस्पताल प्रशासन के लगातार प्रयासों के बाद 29 जनवरी 2025 को वीरेंद्र तिवारी के परिजन, जिनमें उनके भतीजे विकास तिवारी और भांजे शामिल थे, दिल्ली से सैफई पहुंचे। करीब 400 दिन बाद वीरेंद्र तिवारी अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने परिजनों से मिले। इस दौरान वह बेहद खुश नजर आए। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने वीरेंद्र को खोजने के लिए काफी प्रयास किए थे, लेकिन न मिलने पर उन्होंने उनके मिलने की आशा लगभग छोड़ दी थी।
डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में अभी भी करीब डेढ़ दर्जन से अधिक अज्ञात और लावारिस मरीज विभिन्न वार्डों में भर्ती हैं। ऐसे किसी भी मरीज की जानकारी विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय, इमरजेंसी विभाग और मुख्य नर्सिंग अधीक्षिका कार्यालय में प्राप्त की जा सकती है।