सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की दूसरी वर्ष की छात्रा अमृता सिंह ने मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया है। पीड़िता की मां रजनी सिंह ने सैफई थाने में एक सीनियर छात्र पार्थ त्यागी और अपनी बेटी की रूममेट सेजल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार, 9 दिसंबर की रात को अमृता सिंह ने नींद की 45 गोलियां खा ली थीं। समय रहते उसे इलाज मिला जिसके चलते उसकी जान बच गई। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को उसके सीनियर पार्थ त्यागी और रूममेट सेजल लगातार परेशान करते थे। दोनों मिलकर अमृता को जातिसूचक गालियां देते थे और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।
रजनी सिंह ने बताया कि पार्थ त्यागी अक्सर अमृता को फोन करके परेशान करता था। 22 नवंबर को जब अमृता ने पार्थ का नंबर ब्लॉक कर दिया तो सेजल ने अपना फोन मिलाकर स्पीकर पर लगाकर अमृता को पार्थ से अपशब्द सुनवाती थी। इस लगातार मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर अमृता ने आत्महत्या का यह कदम उठाया।