चकरनगर। तहसील क्षेत्र में सौ से अधिक झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी प्रमाणिकता के क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। इन क्लीनिकों पर मरीजों का इलाज बदतर सुविधाओं के बीच किया जा रहा है, जहां कहीं तख्ते तो कहीं चारपाई पर लिटाकर मरीजों को ड्रिप चढ़ाई जाती है।
इन दिनों बुखार, डेंगू और चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिकों पर भीड़ उमड़ रही है। मरीजों को गंभीर बीमारियों का डर दिखाकर ये झोलाछाप इलाज के नाम पर मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। कस्बा क्षेत्र के चकरनगर, हनुमंतपुरा, भरेह, बंसरी, बल्लो की गढ़िया, गढ़ा कासदा, भोया, नौगवा और विंडवा कला में जगह-जगह ये अवैध क्लीनिक संचालित हो रहे हैं।
पिछले साल सहसों क्षेत्र के हनुमंतपुर कस्बे में बंगाली नाम से संचालित एक झोलाछाप क्लीनिक में इलाज के दौरान विद्यापुरा निवासी महावीर की पत्नी फुलनश्री की मौत हो गई थी। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए थे, लेकिन इसके बावजूद इन अवैध क्लीनिकों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी।
इस विषय में सीएमओ डॉ. गीताराम का कहना है कि यदि झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायतें मिलती हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि इन क्लीनिकों के खिलाफ तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है, ताकि लोगों की जिंदगी खतरे में न पड़े। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इन झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की जाए और क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाए।