प्रदेश सरकार भले ही आवास योजना को लेकर गंभीरता से काम करने की बात कर रही हो, लेकिन इसके बावजूद कई जरूरतमंद आज भी इस योजना का लाभ नहीं पा सके हैं। ऐसा ही एक मामला सैफई तहसील क्षेत्र के ग्राम नेलरखोर से सामने आया है, जहां राजकुमारी पत्नी संतोष कुमार पिछले 20 वर्षों से अपने परिवार के साथ एक झोपड़ी में जीवन बिता रही हैं।राजकुमारी और उनके पति संतोष कुमार का परिवार इस लंबे समय से अपने छोटे से घर में जीवन यापन कर रहा है। हालांकि इस दौरान प्रदेश में कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस परिवार को आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। राजकुमारी के पास न तो सर छुपाने के लिए छत है, और न ही रोजमर्रा के भोजन की सुनिश्चितता। बावजूद इसके, यह परिवार अपनी स्थिति पर कोई हल नहीं पा सका और दर-दर भटकने के लिए मजबूर है।
राजकुमारी ने बताया कि वर्ष 2017 में एक दुखद हादसे में उनके दो बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से उनकी स्थिति और भी गंभीर हो गई। वे अपने पति संतोष कुमार के साथ अब भी झोपड़ी में जीवन बिता रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई बार प्रधान और ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई और जिला मुख्यालय पर भी प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन आवास योजना का लाभ कभी उन्हें नहीं मिला। राजकुमारी का कहना है, “हमने कई बार कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब एक बार फिर सर्दी का मौसम आ गया है और हमें फिर से उसी झोपड़ी में रहना पड़ रहा है।”
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बीडीओ सैफई, बृज बिहारी त्रिपाठी ने कहा, “मामले की जानकारी हमें नहीं है, लेकिन हम इस परिवार की स्थिति को देखेंगे। यदि यह परिवार वास्तव में जरूरतमंद है, तो उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलवाया जाएगा।” यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि प्रदेश में आवास योजना का लाभ सही तरीके से जरूरतमंदों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहा है।