इटावा । उ0 प्र0 उधोग व्यापार मन्डल के जिलाध्यक्ष अनन्त अग्रवाल, जिला महामंत्री सदाशिव श्रीवास्तव ने कहा कि देश आजाद होने के बाद व्यापारियों की कहने बाला व सुनने वाला कोई नही था। जो भी सरकारें आई सभी ने व्यापारियों पर काले कानून थोपकर उनका शासनिक- प्रशासनिक उत्पीडन किया जाता रहा तथा व्यापारियों पर गुन्डा टैक्स,अबैध बसूली, लूट, हत्याऐं आदि हो रही थीं। इन गम्भीर समस्याओं व उत्पीडन के खिलाफ बर्ष 1973 में बाराणसी में आदरणीय लाला विसम्भर दयाल अग्रवाल व पं श्याम बिहारी मिश्रा जी के नेतृत्व में व्यापार मन्डल का गठन कर पूरे प्रदेश से संगठन में व्यापारियों को जोडा गया और समय समय पर शासन – प्रशासन व अपराधियों के खिलाफ संघर्ष किया गया।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के क ई जिलों के व्यापार मन्डल के पदाधिकारियों ने व्यापारियों के मान सम्मान एवं उनके व्यापारिक हितों के रक्षार्थ विरोधियों से कडा संघर्ष करते हुऐ अपने प्राणों की आहूति देदी।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि 26 मई 1979 को लखनऊ के हमारे व्यापारी स्व हरिशचन्द अग्रवाल ने व्यापार मन्डल के आन्दोलन में अपने प्राणों की आहूति दे दी गई उसके बाद समय समय पर व्यापारी हितों के लिये संघर्ष में प्रदेश के कई व्यापारी हरी शंकर अग्रवाल, नित्यानन्द कौशिक, अशोक कुमार खण्डेलवाल, श्री कमल जैन, अजय गुप्ता, मुन्ने मियां, अशोक राय, राकेश पवार, श शिव सिह, गोपाल पोद्दार ने अपने प्राणों को आहूति दे दी।
ऐसे व्यापारी हितों के मसीहाओं को व्यापारी शहीद दिवस पर नमन कर उनको श्रध्दांजली अर्पित करते हैं।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि उ0 प्र0 उधोग व्यापार मन्डल इटावा बर्षों से व्यापारियों के हित के लिये पूरी ईमानदारी से संघर्ष करता आया हैऔर करता रहेगा। आज शहीद दिवस पर – संरक्षक मनीष जैन, जिला उपाध्यक्ष अशोक सिह चौहान, डा0 आशीष दीक्षित, इरशाद अली, राजेन्द्र सिह वर्मा, अवनीश वर्मा, जिला कोषाध्यक्ष रवि शंकर अग्रवाल, युवा प्रदेश सचिव सुनील जैन, युवा जिलाध्यक्ष गोविन्द दुवे, जिला महासचिव प्रत्यूष वर्मा, नगर अध्यक्ष गुरु भेज सिह भेजा, नगर महामंत्री राम मनोहर दीक्षित, युवा नगर अध्यक्ष राजीव वर्मा, युवा जिलाउपाध्यक्ष तरूण सिह, नगर उपाध्यक्ष सन्तोष सोनी, प्रिंस अग्रवाल, कन्हैया गुप्ता, जिला मंत्री मनीष गुप्ता, लाइन पार अध्यक्ष सतेन्द्र मिश्रा, महामंत्री सनी राठौर, नगर उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र गुप्ता, मोहित वर्मा आदि ने श्रध्दांजली दी।