बेटियां घर की रौनक होती हैं, जिस घर में बेटियां नहीं होतीं वह घर अधूरा होता है। बेटियों को अक्सर पराया धन कहा जाता है, लेकिन जब वे पराए घर जाती हैं तो अपनी ऊर्जा, प्रतिभा और टैलेंट से वहां भी अपनापन भर देती हैं और अपने-पराए का भेद मिटा देती हैं।

यह उद्गार सदर विधायक सरिता भदौरिया ने सोमवार को इटावा महोत्सव पंडाल में आयोजित ‘घर की लक्ष्मी हैं बेटियां’ कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ उन्होंने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं जागृति वर्मा के मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. ज्योति वर्मा ने विधायक का शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। विशेष बात यह रही कि विधायक अपनी नातिन राजनंदनी के साथ कार्यक्रम में शामिल हुईं।

विधायक सरिता भदौरिया ने शिशु वर्ग की बेटियों का तिलक लगाकर सम्मान किया। अमृषा पटेल ने रोली-चावल से स्वागत किया, वहीं संयोजक द्वारा अतिथियों को बैज लगाकर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में बेटियों ने रंगोली, पोस्टर निर्माण और मेहंदी जैसी रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया। 50 से अधिक स्कूलों की बेसिक, माध्यमिक एवं स्नातक स्तर की छात्राओं ने लगभग 25 से अधिक समूह एवं एकल नृत्य प्रस्तुतियां दीं। इसके साथ ही लोक नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में अश्विनी कुमार एडवोकेट, मुकेश बाबू, उज्ज्वल पटेल, आंचल वर्मा, मुनिराज वर्मा सहित अन्य सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन जागृति वर्मा ने किया। निर्णायक मंडल में पूर्व प्रधानाध्यापक अरुणा कश्यप, संगीतज्ञ प्रेम किशोरी एवं शिक्षिका शालिनी वर्मा शामिल रहीं।

इस अवसर पर सभासद शरद वाजपेई, पूनम पांडेय, नमिता तिवारी, श्यामला पांडेय, शिखा पाल, अंजू वर्मा, मंजू वर्मा, पिंकी श्रीवास्तव, गजेंद्र मिश्रा, प्रमोद राठौड़, अखिलेश कौशिक, ममता कुशवाहा, शिखर चतुर्वेदी, जितेंद्र जैन, आनंद मित्तल, संजीव चतुर्वेदी, निर्मल सिंह कुशवाहा, विवेक रंजन गुप्ता, जयशिव मिश्रा, राजेश वर्मा, योगेश कुमार, जेई राजकुमार पटेल, देवेंद्र चौहान, चंदन पोरवाल, अतुल वी.एन. चतुर्वेदी, मसूद तैमूरी, रमेश चौधरी, विजय पटेल, करन पटेल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

