उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस), सैफई के फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग द्वारा “मृत्यु के कारण का चिकित्सकीय प्रमाणन (MCCD)” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के करकमलों द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र में विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पुष्पेंद्र सिंह ने एमसीसीडी के महत्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला और कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मुख्य वक्ता एवं एमसीसीडी नोडल अधिकारी डॉ. वेदांत कुलश्रेष्ठ ने कहा कि “इस प्रशिक्षण का उद्देश्य चिकित्सकों को सटीक मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करने में दक्ष बनाना है, जिससे कानूनी एवं प्रशासनिक प्रक्रियाएँ अधिक पारदर्शी हो सकें।”
उन्होंने आगे बताया कि एमसीसीडी के माध्यम से मृत्यु के कारणों का वैज्ञानिक प्रमाणन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियों के लिए सटीक आंकड़ों का संकलन, तथा कानूनी एवं पारिवारिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
कार्यशाला में फॉरेंसिक विभाग के वरिष्ठ संकाय सदस्य, विभिन्न विभागों के चिकित्सक एवं रेजिडेंट डॉक्टर उपस्थित रहे। प्रशिक्षण सत्र में प्रतिभागियों को मृत्यु प्रमाणन की प्रक्रिया, कानूनी प्रावधानों और दस्तावेजीकरण की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया गया। कार्यशाला के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया गया और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। आयोजन को चिकित्सकों ने अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया।