उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस), सैफई के शरीर रचना विभाग ने विश्व शरीर रचना दिवस के अवसर पर देहदान के पुण्य कार्य और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान में इसकी भूमिका के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने हेतु एक देहदान जागरूकता रैली का आयोजन किया। यह रैली कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह और विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नित्यानंद श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा में संपन्न हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 9 बजे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक भवन से हुआ, जिसमें संकाय सदस्य, स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र तथा कर्मचारी उत्साहपूर्वक शामिल हुए। प्रतिभागियों ने “जीवन के बाद भी जीवन का उपहार देहदान का संकल्प करें” जैसे प्रेरणादायक संदेशों वाले बैनर और तख्तियाँ लेकर जनसमुदाय को देहदान के मानवीय, शैक्षिक और सामाजिक महत्व के प्रति जागरूक किया।
रैली का उद्देश्य समुदाय में यह भावना जागृत करना था कि देहदान एक ऐसा अमूल्य कार्य है जो व्यक्ति को मृत्यु के बाद भी मानवता की सेवा करने का अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम के दौरान विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नित्यानंद श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि “शरीर दान चिकित्सा विज्ञान और मानवता की सर्वोच्च सेवा है। यह कार्य न केवल आने वाली पीढ़ियों के चिकित्सकों को ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि समाज में करुणा और परोपकार की भावना को भी मजबूत करता है।” उन्होंने सभी से अपील की कि वे देहदान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएँ और इसे जीवन के बाद सेवा का माध्यम बनाएँ।
रैली के उपरांत, इटावा से आई अध्यापिका सुनीता यादव और यूपीयूएमएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की केंद्रीय प्रयोगशाला के तकनीकी अधिकारी हरिओम ने अंगदान की शपथ लेकर सामाजिक उत्तरदायित्व और मानवता का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
यह आयोजन न केवल देहदान के महत्व को उजागर करता है, बल्कि समाज में “जीवन के बाद भी सेवा का भाव” जगाने में यूपीयूएमएस की मानवीय प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।