प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान खाद्य प्रतिष्ठानों से संग्रहित कुट्टू के आटे के नमूनों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच रिपोर्ट के अनुसार आटे में एफलाटॉक्सिन की मात्रा पाई गई है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक मानी जाती है। इसके सेवन से फूड प्वाइजनिंग सहित गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इस संदर्भ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त (खाद्य)-I राजेश द्विवेदी ने जनहित में तत्काल प्रभाव से आदेश जारी करते हुए कहा कि आगामी नवरात्र, दशहरा आदि पर्वों के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचाव आवश्यक है। इसलिए 15 दिन से अधिक पुराने खुले अथवा पैक्ड कुट्टू के आटे का भंडारण, वितरण एवं विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
सभी खाद्य कारोबारियों को निर्देशित किया गया है कि वे 15 दिन से अधिक पुराने कुट्टू के आटे का न तो भंडारण करें और न ही उसका क्रय-विक्रय। यदि किसी व्यापारी अथवा प्रतिष्ठान द्वारा इन आदेशों का उल्लंघन पाया गया तो उनके विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 36(7)(b) के तहत कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।