उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ द्वारा टीईटी (TET) की अनिवार्यता संबंधी नियम के विरोध और उस पर पुनर्विचार की मांग को लेकर शनिवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री एवं प्रदेश के शिक्षा मंत्री को संबोधित किया गया था।
महिला शिक्षक संघ की जिला अध्यक्ष कामना सिंह ने कहा कि संघ प्रदेश के लाखों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने मांग की कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश पर पुनर्विचार किया जाए। वहीं, संघ की महामंत्री अर्चना चौधरी ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति पहले से निर्धारित योग्यताओं को पूरा करते हुए हुई है, इसलिए इस प्रकार की परीक्षा का आदेश पिछली नियुक्तियों पर लागू नहीं होना चाहिए।
ज्ञापन देने के दौरान संघ की जिला अध्यक्ष कामना सिंह, महामंत्री अर्चना चौधरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रेनू सिंह, कोषाध्यक्ष अनामिका पांडे, उपाध्यक्ष प्रतिभा तिवारी, मीनाक्षी पांडे, अर्चना पांडे, अर्चना, मीडिया प्रभारी अर्चना बाजपेई, श्वेता चंदेल, शैलजा चौधरी, निशा मिश्रा, ज्योति सिंह, सीमा चौहान, दीपिका सिंह, कुसुम यादव, सुमन लता, कुसुम लता, अर्चना यादव, वंदना, सोनी राजावत समेत दो सैकड़ा से अधिक शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।
सभी शिक्षिकाओं ने एक स्वर में मांग की कि राज्य व केंद्र सरकार नियमों में संशोधन कर यह स्पष्ट घोषणा करे कि जिन नियमों व सेवा शर्तों के तहत शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उनकी नौकरी उन्हीं शर्तों पर सुरक्षित रहनी चाहिए।