यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से शहर और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। बुधवार को जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ यमुना तलहटी पहुंचकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान करीब तीन दर्जन प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री और दवाइयाँ वितरित की गईं।
बुधवार दोपहर को यमुना का जलस्तर 122.85 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 121.92 मीटर है। यानी नदी फिलहाल लगभग एक मीटर ऊपर बह रही है। जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक दस राजस्व गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें चकरनगर क्षेत्र के तीन गांव आंशिक रूप से शामिल हैं। वहीं सदर तहसील क्षेत्र में यमुना घाट के पास लगभग 15-16 घरों में पानी घुस गया है।
यमुना पछार समेत दो अन्य गांवों में संपर्क मार्ग डूब जाने से ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। डीएम ने कहा कि जैसे ही जलस्तर में कमी आएगी, प्रभावित इलाकों में सफाई और सेनेटाइजेशन कराया जाएगा। फिलहाल राजस्व, स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। बाढ़ पीड़ितों को भोजन और दवाओं की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
जसवंतनगर तहसील के आगरा सीमा से सटे गांवों में फंसे 20-25 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई। निरीक्षण के दौरान एसडीएम सदर विक्रम राघव, तहसीलदार राजकुमार सिंह, लेखपाल और स्थानीय सभासद मौजूद रहे।