उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने गुरुवार सुबह 9 बजे ओपीडी का औचक निरीक्षण किया। प्रवेश द्वार पर गंदगी और समय पर सफाई कर्मियों एवं सुपरवाइजर की अनुपस्थिति देखकर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। कुलपति ने निर्देश दिए कि ओपीडी खुलने से पहले हर हाल में परिसर की साफ-सफाई पूरी हो और कूड़ा निस्तारण प्रबंधन को दुरुस्त किया जाए।
निरीक्षण के दौरान कुलपति ने मरीजों से बातचीत की और जनरल मेडिसिन ओपीडी के बाहर रखे रिकॉर्ड रजिस्टर की जांच की। इसमें पाई गई अनियमितताओं पर उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रत्येक मरीज का रजिस्ट्रेशन सही ढंग से दर्ज हो। मरीज को डॉक्टर से दिखाने के बाद उसकी जानकारी रजिस्टर में अनिवार्य रूप से अंकित की जाए तथा री-विजिट पर्चे का नंबर भी दर्ज होना चाहिए।
रेस्पिरेट्री मेडिसिन ओपीडी का निरीक्षण करते हुए कुलपति ने कहा कि यदि जूनियर डॉक्टर कोई दवा लिखते हैं तो उसे सीनियर डॉक्टर से अनुमोदित कराना जरूरी होगा। साथ ही ओपीडी में मौजूद सभी डॉक्टरों को एप्रन पहनकर ही ड्यूटी करने के निर्देश दिए।
कुलपति ने बिलिंग काउंटर और आभा आईडी काउंटर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि आभा आईडी बनाने की प्रक्रिया को हिंदी में प्रदर्शित किया जाए, ताकि ग्रामीण मरीज आसानी से पर्चा बनाने की विधि समझ सकें। इसके साथ ही हेल्प डेस्क पर तैनात स्टाफ को मरीजों की हरसंभव मदद करने के आदेश दिए।
इस दौरान प्रति कुलपति प्रो. डॉ. रमाकांत, ओपीडी नोडल ऑफिसर प्रो. डॉ. गणेश कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।