ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव भारतीय पुलिस सेवा के उन अधिकारियों में गिने जाते हैं जिन्होंने अपनी लगन, मेहनत और ईमानदारी से सेवा में विशेष पहचान बनाई है। उनका जन्म 15 जनवरी 1969 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ। रायबरेली जिले से निकलकर उन्होंने दर्शनशास्त्र में परास्नातक की शिक्षा प्राप्त की और फिर पुलिस सेवा में भर्ती होकर अपनी प्रशासनिक यात्रा की शुरुआत की। 1997 में उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में शामिल होकर उन्होंने तीन दशकों से भी अधिक समय तक विभिन्न स्तरों पर जिम्मेदारियाँ निभाईं।
उनकी कार्यशैली हमेशा कानून-व्यवस्था की मजबूती और जनता की सुरक्षा को केंद्र में रखकर आगे बढ़ी है। राज्य पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने कई जिलों में अपराध नियंत्रण, साम्प्रदायिक सौहार्द और शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए अपनी पहचान बनाई। ईमानदारी और सख्त प्रशासनिक दृष्टिकोण के कारण उन्हें 2015 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रोन्नति मिली, जो उनके करियर का महत्वपूर्ण पड़ाव था।
IPS बनने के बाद उन्होंने कई अहम पदों पर कार्य किया और अपनी योग्यता साबित की। कौशाम्बी जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में रहते हुए उन्होंने अपराधियों पर प्रभावी शिकंजा कसने के साथ-साथ सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया। आम जनता के साथ विश्वास का रिश्ता कायम करना उनकी प्राथमिकता रही। यही वजह रही कि वे एक प्रभावी, सुलभ और न्यायप्रिय पुलिस अधिकारी के रूप में पहचाने जाने लगे।
मई 2025 में जब उन्हें इटावा का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बनाया गया, तो उनके सामने कई चुनौतियाँ थीं। इटावा अपराध और राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील जिला माना जाता है। पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही दादरपुर गाँव में एक गंभीर घटना सामने आई। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे प्रदेश और देश की राजनीति को प्रभावित किया। विपक्षी दलों ने इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का प्रयास किया।
ऐसे कठिन समय में ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने धैर्य, संयम और निष्पक्षता के साथ स्थिति को संभाला। उन्होंने खुद मौके पर जाकर हालात का जायज़ा लिया और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की। उनकी सटीक रणनीति और नेतृत्व ने स्थिति को बिगड़ने से रोका और जिले में शांति बनाए रखी। यह उनकी संकट-प्रबंधन क्षमता का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है।
इसके अलावा, उनके नेतृत्व में जुलाई 2025 में ₹100 करोड़ के ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड का पर्दाफाश किया गया। इस मामले में चार अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, जिसने पूरे प्रदेश में सुर्खियाँ बटोरीं। यह उनकी तकनीकी दक्षता और आधुनिक अपराधों से निपटने की तैयारी को दर्शाता है। उन्होंने साबित किया कि पुलिस को न सिर्फ परंपरागत अपराधों बल्कि नए तरह के साइबर अपराधों से भी निपटने में सक्षम होना चाहिए।
अगस्त 2025 में भी उन्होंने एक अनोखे मामले में त्वरित कार्रवाई की। जब एक व्यक्ति ने मध्य प्रदेश के मंत्री बनकर उन पर प्रभाव डालने की कोशिश की, तो तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस कदम ने स्पष्ट कर दिया कि उनके कार्यकाल में किसी भी प्रकार का दबाव या राजनीतिक हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा। उनकी सख्त और निष्पक्ष छवि इस घटना से और मजबूत हुई।
उनके करियर की विशेषता यह भी रही है कि उन्हें कई बार उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। 2019 में उन्हें डीजी प्रशंसा डिस्क (सिल्वर) और मुख्यमंत्री कुंभ सेवा पदक मिला। 2020 में गोल्ड डिस्क, 2024 में प्लेटिनम डिस्क और 2024 में ही MSM (Meritorious Service Medal) से अलंकृत किया गया। ये पुरस्कार उनके लंबे सेवा काल में समर्पण और उत्कृष्ट कार्यों की गवाही देते हैं।
आज ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव को ऐसे अधिकारी के रूप में देखा जाता है जो कठोर अनुशासन, संवेदनशीलता और निष्पक्षता का अद्भुत संतुलन रखते हैं। वे अपराधियों के प्रति सख्त और जनता के प्रति सहज रहते हैं। उनकी प्राथमिकता कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनता का विश्वास जीतना भी है। उनकी टीम को प्रेरित करने की शैली और अधीनस्थ अधिकारियों को प्रोत्साहित करने का स्वभाव उन्हें एक सच्चे लीडर के रूप में स्थापित करता है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा से आप प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक इटावा कलेक्टरेट स्थित कार्यालय में मिल सकते है। उनका सीयूजी मो 9454400266, 05688-254041 एवं ईमेल आईडी – sspewh.up@nic.in है।