समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को एक निजी शादी समारोह में पहुंचे, जहां उन्होंने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने महाकुंभ को लेकर सरकार के 144 साल बाद आने के दावे को झूठा करार दिया और कहा कि सरकार के बजट और घोषणा पत्र की दूसरी लाइन में ही लिखा है कि हर नियत समय पर कुंभ का आयोजन होता रहेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा धर्म को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने एनजीटी और यूपी पॉल्यूशन बोर्ड पर भी निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार आपस में ही टकरा रही है और अब तो विभाग और वैज्ञानिक भी आपस में उलझे हुए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह डबल ब्लेंडर वाली सरकार है, जहां वैज्ञानिक भी एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं।
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने आरोप लगाया कि बीजेपी यह प्रचार कर रही है कि पहले कुंभ होता ही नहीं था और अब वही इसे आयोजित करवा रही है। उन्होंने कहा कि समाज में धर्म को व्यापार बनाने की कोशिश की जा रही है, जो हिंदू धर्म को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला कदम है। उन्होंने मांग की कि अगर मुख्यमंत्री महाकुंभ में हुए 3 लाख करोड़ के व्यापार से आई जीएसटी का विवरण नहीं दे रहे हैं, तो सरकार की नीयत पर सवाल उठना लाजमी है।
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में यातायात अव्यवस्था, भगदड़ और पेट्रोल पंपों पर ईंधन की किल्लत का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि लोग दो-तीन दिन तक गाड़ियों में सोने को मजबूर रहे, शौचालय तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी और ट्रैफिक प्रबंधन पूरी तरह फेल हो गया। उन्होंने सरकार से पूछा कि महाकुंभ के दौरान भगदड़ और लोगों के खोने की घटनाओं पर वह कब जवाब देगी।