Thursday, December 26, 2024

जर्जर भवन में संचालित आयुर्वेदिक चिकित्सालय, हादसे का खतरा बढ़ा

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वैदपुरा। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और कभी भी गिरने का खतरा है। इस खतरनाक स्थिति के बावजूद यहां रोजाना 20-25 मरीज इलाज कराने आते हैं। भवन तकुर देवालय में संचालित है, जिसकी स्थिति इतनी खराब है कि मरीज यहां आने से डरते हैं। चिकित्सालय में डॉ. ललित द्विवेदी की तैनाती है, जो सप्ताह में तीन दिन यहां आते हैं। अन्य तीन दिन उनकी ड्यूटी मलाजनी चिकित्सालय में रहती है। स्टाफ में दिव्यांग अशोक कुमार यादव भी हैं, जो मरीजों को दवा देते हैं।

डॉ. ललित द्विवेदी ने बताया कि जर्जर भवन में बैठने से भी डर लगता है। भवन के अंदर एक तहखाना भी है, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। चिकित्सालय के निर्माण के बाद से अब तक उसकी कोई मरम्मत नहीं की गई है।15 दिन पहले एडीओ पंचायत सैफई ने भवन का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट उपजिलाधिकारी सैफई कौशल किशोर को सौंपी। प्रधान प्रतिनिधि दिलावर सिंह को भवन को दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया, ताकि संभावित हादसे से बचा जा सके। इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जर्जर भवन में मरीजों का इलाज करना न केवल उनकी सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि डॉक्टर और स्टाफ की जान भी जोखिम में है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द चिकित्सालय को किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।

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