करनगर: कस्बा क्षेत्र की सभी नौ साधन सहकारी समितियों पर डीएपी खाद खत्म हो चुकी है और समितियों पर ताले लटक रहे हैं। खाद न मिलने से किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर चकरनगर और हनुमंतपुरा कस्बे में निजी दुकानदार खाद की बोरी को चार से पांच सौ रुपये महंगे दामों पर बेच रहे हैं।
ब्लॉक की साधन सहकारी समिति चकरनगर, भरेह, टिटावली, बंसरी, बरेछा के अलावा कुंदौल, गौहानी, सिंहौस व सहसों सभी नौ समितियों को शुरू तो कर दिया गया है लेकिन इनमें से किसी एक भी समिति पर किसानों के लिए डीएपी उपलब्ध नहीं है। टिटावली समिति पर पिछले दो सप्ताह से खाद नहीं है। जबकि 35 साल बाद कुंदील, गौहानी, सिंहौस समिति खोलकर यहां पर जो खाद पहुंचाई गई वह एक दिन में ही खत्म हो गई। सहकारी समिति चकरनगर पर बताया गया था कि शनिवार को डीएपी की रैंक आएगी जिसके चलते रविवार को भी लोग समिति पर पहुंचे लेकिन पता चला कि खाद नहीं आई है तो किसान मायूस होकर लौट गए।
एआर कोऑपरेटिव कमलेश वर्मा का कहना है कि जैसे ही साद आएगी सभी समितियों पर खाद पहुंचा दी जाएगी। डीएपी खाद न मिलने से किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। निजी दुकानदारों से महंगे दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं। खाद के लिए किसानों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। किसानों की फसल खराब होने का खतरा बढ़ गया है।