डॉ. भीमराव अंबेडकर जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के साथ बेहद गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां मरीजों को दिए जाने वाले फलों की गुणवत्ता बेहद खराब है। सड़े हुए फलों को काट-छांट कर मरीजों को खिलाया जा रहा है। यह मामला स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के आदेशों की खुलेआम अवहेलना है।
जिला अस्पताल में तैनात ठेकेदार सस्ते और खराब किस्म के फल खरीदकर मरीजों को खिला रहे हैं। नियमों के अनुसार, प्रत्येक मरीज को ताजे और पौष्टिक फल दिए जाने चाहिए, लेकिन यहां तो सड़े हुए फलों को काट-छांट कर सिल्वर रोल में लपेटकर मरीजों को दिया जा रहा है ताकि यह ताजा दिखाई दे।
हमारे पास मौजूद तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से सड़े हुए फलों को काट-छांट कर एक टोकरी में रखा जा रहा है और इन्हीं फलों को बाद में मरीजों को दिया जा रहा है। भर्ती मरीजों को यह कैसे पता चलेगा कि उन्हें जो फल खिलाया जा रहा है, वह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
यह मामला कई सवाल खड़े करता है। क्या जिला अस्पताल प्रशासन इस गंभीर मामले को नजरअंदाज कर रहा है? क्या ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएंगे? यह मामला एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति को उजागर करता है। ऐसे में जरूरी है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।