ग्राम पंचायत अधिकारी संघ एवं ग्राम विकास अधिकारी संघ, इटावा की संयुक्त बैठक सिंचाई संघ भवन, इटावा में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता संघों के अध्यक्ष पूरन सिंह एवं दीपक कुमार ने संयुक्त रूप से की, जबकि संचालन नीरज यादव द्वारा किया गया।

बैठक में जनपद स्तरीय अधिकारियों के तानाशाहीपूर्ण रवैये का सर्वसम्मति से विरोध किया गया। उपस्थित सदस्यों ने कहा कि विकासखंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के साथ अनावश्यक दबाव, अभद्र व्यवहार एवं नियम विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। कई कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस दिए ही निलंबन या संबंधिकरण किया गया है।
साथियों ने बताया कि वर्तमान में पांच सचिव जिला स्तर पर संबद्ध हैं, वहीं विकास खंड बढ़पुरा के खंड विकास अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद दीपावली पर न तो वेतन और न ही बोनस का भुगतान किया गया। इसके अतिरिक्त, फैमिली आईडी के नाम पर 40 ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं 14 ग्राम विकास अधिकारियों का अक्टूबर माह का वेतन रोका गया है, जबकि कई परिवारों की फैमिली आईडी तकनीकी कारणों से नहीं बन पाई है।
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि उच्च अधिकारियों द्वारा सचिवों का गौशाला, जांच एवं सोशल ऑडिट के नाम पर शोषण किया जा रहा है। जिला स्तरीय ऑडिटर प्रेम राजपूत तथा ब्लॉक स्तर के ऑडिटर भी अनियमित रूप से सचिवों से वसूली कर रहे हैं, जिससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
संघों ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो सभी सचिव कार्य बहिष्कार कर विकास भवन के गेट पर धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
बैठक में प्रमुख रूप से मनोज कुमार मिश्रा, बब्बू राजा, स्नेह लता, राधेश्याम, आभा कौशल, अवनीश कुमार, संजीव यादव, प्रदीप कुमार, मृदुल कुमार शर्मा, बृजभान सिंह, अंजुला यादव, सपना यादव, पिंकी, सुषमा यादव, सुमित पालीवाल, इम्तियाज अतहर सहित बड़ी संख्या में सचिव एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

