बकेवर:- देवोत्थान एकादशी का पर्व शनिवार को धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो गई। महिलाओं ने घरों के आंगन में पीसे चावल और खड़िया से रंगोली सजाई। शंख घड़ियाल बजाकर उठो देव, जागो देव , ऊंगली पांव चटकाओ देव का आह्वान करके जग के पालन हार भगवान विष्णु को जगाया। गन्ने से चौकी सजाकर सिंघाड़े, फूलमाला और फलों से भगवान विष्णु की पूजा की गई।
देवोत्थान एकादशी पर भक्तों ने भगवान विष्णु जी का पूजन किया एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के उठने से शादी आदि मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाती है। महिलाओं ने तुलसी जी का भगवान सालिग्राम से साथ विवाह कराया। एकादशी के दिन से लगातार पांच दिनों तक भीष्म पितामह ने पांडवों को राजनीति का उपदेश दिया था।
ग्रामीण अंचलों में श्रद्धालुओं ने चौक पर गन्ने रखकर दीपक जलाकर भगवान का पूजन अर्चन कर घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की है। महिलाओं ने घरों में तुलसी जी का विवाह श्री सालिग्राम भगवान से कराते हुए विवाह गीत गाए- मगन भई तुलसी राम गुन गाइके, मगन भई तुलसी राम गुन गाइके, भक्त चले पइया पइया, चींटी को बचाए के, मगन भई तुलसी राम गुन गाइके।। महिलाओं ने माता तुलसी जी का श्रृंगार भी किया। पूजन के बाद प्रसाद वितरित किया गया।

