जिले के खाद्य सुरक्षा विभाग ने आबकारी दुकानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बिना एफएसएसएआई लाइसेंस के शराब बेचने वाली दुकानों पर अब कार्रवाई की जा रही है। सहायक आयुक्त (खाद्य) राजेश द्विवेदी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को देशी, विदेशी शराब और बीयर की ऐसी दुकानें चिन्हित कर चालान करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनके पास वैध एफएसएसएआई लाइसेंस नहीं है।
इसी क्रम में चकरनगर तहसील क्षेत्र के बंसरी स्थित देशी शराब व बीयर की रंजीत सिंह की दुकान पर कार्रवाई की गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र सोनकर की रिपोर्ट पर एफएसएसएआई लाइसेंस न होने के कारण खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत न्याय निर्णायक अधिकारी के न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में संबंधित पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि शराब कारोबारियों में अक्सर यह भ्रम रहता है कि आबकारी लाइसेंस लेने के बाद एफएसएसएआई लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती, जबकि शराब विक्रय के लिए यह अनिवार्य है। आबकारी लाइसेंस केवल शराब आपूर्ति प्राप्त करने की अनुमति देता है।
जिला आबकारी अधिकारी ने भी सभी शराब कारोबारियों को निर्देशित किया है कि वे शीघ्र वैध एफएसएसएआई लाइसेंस प्राप्त करें। विभाग अब थोक शराब कारोबारियों पर भी कार्यवाही की तैयारी कर रहा है। निर्देश दिए गए हैं कि देशी, विदेशी शराब और बीयर के थोक व्यापारी केवल वैध एफएसएसएआई लाइसेंस धारकों को ही शराब की आपूर्ति करें, अन्यथा उनका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है।
खाद्य सुरक्षा विभाग की इस कार्रवाई से शराब कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

