उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS), सैफई के एनेस्थीसिया विभाग द्वारा 8–9 अक्टूबर 2025 को जिला एवं सत्र न्यायालय, इटावा में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रीससिटेशन) जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी माननीय न्यायाधीशों एवं न्यायालय कर्मचारियों को संबोधित करते हुए आपात स्थितियों में बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) कौशलों के महत्व पर चर्चा से हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि हृदयगति रुकने या सांस बंद होने की स्थिति में सीपीआर तकनीक जीवन बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
प्रतिभागियों ने मैनक्विन पर उच्च गुणवत्ता वाली सीपीआर तकनीकों का अभ्यास किया तथा choking (घुटन) की स्थिति में “हैमलिक तकनीक” जैसी आवश्यक जीवनरक्षक विधियाँ भी सीखीं।
यह कार्यक्रम एनेस्थीसिया विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) उषा शुक्ला के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. विक्रम सिंह राठौर (एसोसिएट प्रोफेसर), डॉ. शिप्रा वर्मा (असिस्टेंट प्रोफेसर), डॉ. प्रज्जल दास (सीनियर रेजिडेंट), डॉ. मेहक गुप्ता (जूनियर रेजिडेंट) एवं श्री भास्कर (ओटी तकनीशियन) द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समय-समय पर आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि आमजन में आपातकालीन चिकित्सा सहायता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।