इटावा। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक राजपूत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और प्रधानमंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राकेश सिंह को सौंपा। ज्ञापन में उन शिक्षकों को टेट परीक्षा से मुक्त रखने की मांग की गई, जिनकी नियुक्तियां 29 जुलाई 2011 से पूर्व तत्कालीन योग्यता नियमों के आधार पर हुई थीं।
संघ ने कहा कि उस समय इन शिक्षकों को टेट से मुक्त रखा गया था, लेकिन वर्ष 2017 में नियम बदलकर सभी के लिए टेट अनिवार्य कर दिया गया। इसके बाद से शासन ने कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया, जिससे शिक्षक इस विषय में अनभिज्ञ बने रहे। अब उच्चतम न्यायालय के हालिया निर्णय से टेट अनिवार्य हो गया है और जो शिक्षक दो वर्षों की अवधि में टेट पास नहीं कर पाए, वे अनिवार्य सेवानिवृत्ति की श्रेणी में आ रहे हैं। इस कारण कई वरिष्ठ शिक्षक मानसिक सदमे में हैं और कुछ ने आत्महत्या तक कर ली है।
संघ ने सरकार से मांग की कि 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टेट से मुक्त रखा जाए, जिससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब होने से बच सके। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष अशोक राजपूत, महामंत्री अवधेश सिंह राजावत, मंडलीय मंत्री डॉ. आदित्य पांडेय, कोषाध्यक्ष शैतान सिंह यादव समेत सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।