बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रस्तावित संशोधन बिलों को लेकर बार एसोसिएशन भरथना के पदाधिकारियों ने बुधवार को उपजिलाधिकारी (न्यायिक) देवेन्द्र कुमार पाण्डेय को देश की राष्ट्रपति के नाम संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों का विरोध करते हुए इन प्रावधानों को वापस लेने की मांग की।
बार एसोसिएशन भरथना के अध्यक्ष रमेश चंद्र यादव और महामंत्री राजीव श्रीवास्तव के नेतृत्व में स्थानीय अधिवक्ताओं ने इस ज्ञापन के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) में धारा-4 के तहत तीन नामित सदस्यों की नियुक्ति, धारा-35ए में संशोधन कर अधिवक्ताओं की हड़ताल पर रोक, धारा-26ए के तहत अधिवक्ताओं को रोल लिस्ट से हटाने के प्रावधान का विरोध, धारा-24ए और 24बी को समाप्त करने तथा विदेशी लॉ फर्म को भारत में लागू करने के प्रस्तावित धारा-49ए का पुरजोर विरोध किया।
बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि ये संशोधन न केवल अधिवक्ताओं के अधिकारों का हनन करेंगे, बल्कि न्याय प्रणाली को भी प्रभावित करेंगे। उन्होंने सरकार से इस मामले में जल्द से जल्द संज्ञान लेने की अपील की।
ज्ञापन सौंपने के दौरान कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही, जिनमें एडवोकेट रामपाल सिंह राठौर, सुभाष चंद्र यादव, श्रीप्रकाश पोरवाल, राघवेन्द्र श्रीवास्तव, सुधीर यादव, सुबोध यादव, रामकृष्ण श्रीवास्तव, अशोक कुमार श्रीवास्तव, अनिल तिवारी, भूपेंद्र यादव, महावीर सिंह यादव, सुरेश यादव, उपेंद्र सिंह चौहान, नरेन्द्र दिवाकर और सत्यप्रकाश यादव समेत कई अन्य अधिवक्ता शामिल रहे।

