महेवा। सीएचसी में 11 वर्षीय बालक की इलाज के दौरान हुई मौत और स्ट्रेचर न मिलने का मामला अब शासन तक पहुंच गया है। पूरे मामले की शिकायत उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से की गई है, जिसके बाद सीएमओ ने एक टीम गठित करके जांच शुरू करा दी है।
गांव मेंहदीपुर के रहने वाले हरवीरेंद्र पाल के 11 वर्षीय बेटे मयंक को बुधवार को बिजली के करेंट लग गया था। गांव वालों ने आनन-फानन में उसे सीएचसी लाया, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. राघव गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन काफी देर तक प्रांगण में जमीन पर ही शव रखे बैठे रहे।
जब मृतक परिवार के युवक ने पुलिस को तहरीर लिखने के लिए डॉ. से कागज मांगा, तो कागज नहीं दिया गया और परिजनों से अभद्रता भी की गई। आरोप लगाया गया कि एंबुलेंस न मिलने पर शव को बाइक पर ही ले जाना पड़ा। जब बकेवर थाना प्रभारी को घटना की जानकारी मिली, तो वह मृत बालक के घर पहुंचे और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की तथा मदद का भरोसा दिया।
सीएमओ डॉ. गीताराम ने बताया कि इस प्रकरण में डॉक्टर की अभद्रता और अन्य लापरवाही की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो जांच कर रिपोर्ट देगी। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की शिकायत उपमुख्यमंत्री को भी भेजी गई है, ताकि उचित कदम उठाए जा सकें। इस घटना से गांव में शोक की लहर है और लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।